जिहादी गांव में घुसे और तड़ातड़ गोलियां बरसाने लगे, मिनटों में बिछ गईं 12 लाशें

उत्तरी बुर्किना फासो में जिहादी हमले में 12 नागरिकों की मौत हो गई. देश लंबे समय से इस्लामी हिंसा से जूझ रहा है. पश्चिम अफ्रीकी देश ने पिछले साल के अंत में कई प्रांतों में आपातकाल घोषित किया था. बृहस्पतिवार को उसने अपने सैन्य प्रमुख को ऐसे हमलों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने पर पद से हटा दिया है. रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि ताजा हमले में बंदूकधारियों ने गांव के एक बाजार पर दिनदहाड़े हमला कर दिया.

बयान में कहा गया, ‘गैसेलिकी गांव में आतंकवादी हमले में करीब 30 हमलावर शामिल थे. इसमें 12 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए हैं. एक खलिहान, एक गाड़ी और छह दुकानों में भी आग लगा दी गई.’ उत्तरी बुर्किना फासो में जिहादी हमले 2015 से शुरू हुए हैं और धीरे-धीरे पूर्व में, टोगो और बेनिन के साथ लगी सीमा तक फैल गए. देश विशाल साहेल क्षेत्र का हिस्सा है और दुनिया के गरीब देशों में से एक है.

‘पूर्वी सीरिया में आईएस के हमले में 32 की मौत’
पूर्वी सीरिया में अपने अंतिम गढ़ की रक्षा में जुटे जिहादियों ने खराब मौसम का सहारा लेते हुए कुर्दों के नेतृत्व वाले बल पर घातक पलटवार किया. यह जानकारी मंगलवार को युद्ध पर नजर रखने वाले एक संगठन ने दी. इस्लामिक स्टेट समूह उन स्थानों पर अपना कब्जा बरकरार रखने में विफल रहा, जहां उसने हमले किए लेकिन हमले में अमेरिका समर्थित सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्स (एसडीएफ) के 23 सदस्य मारे गए. इसमें नौ जिहादी भी मारे गए.

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि आईएस के लड़ाकों ने कम दृश्यता का फायदा उठाकर रविवार को यूफ्रेट्स (फरात) घाटी में एसडीएफ बलों पर हमला किया.ऑब्जर्वेटरी के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा, ‘लड़ाई में एसडीएफ के 23 लड़ाके और नौ जिहादी मारे गए. लड़ाई पूरी रात चली और सोमवार की सुबह जाकर यह खत्म हुई.’ जिहादी अक्सर खराब मौसम का फायदा उठाकर विरोधियों पर हमला करते हैं.

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