शाही स्नान का शंखनाद, मकर संक्रांति कल
कुंभ मेला का प्रथम शाही स्नान मकर संक्रांति मंगलवार को पड़ रहा है। ग्रह-नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी से स्नान का महत्व बढ़ गया है। मकर संक्रांति पर दो राशियों में दो ग्रहीय योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। वहीं, साध्य योग व कौलव करण होने से संगम में डुबकी लगाने मात्र से श्रद्धालुओं को अश्वमेध यज्ञ कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी।
ज्योतिविद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि सोमवार की रात 2.12 बजे सूर्य का संक्रमण मकर में हो रहा है। इससे सूर्य धनु राशि से चलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाएंगे। यहीं से देवताओं का दिन व दैत्यों की रात आरंभ होगी। इसके साथ शादी, विवाह, गृहप्रवेश व मुंडन सहित सारे शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। आचार्य त्रिपाठी बताते हैं कि संक्रांति का योग शाम 5.18 बजे तक है। ऐसे में श्रद्धालु दिनभर स्नान कर सकेंगे। संगम के अलावा गंगा, यमुना व किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से श्रद्धालु को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
दान का महत्व
मकर संक्रांति पर दान का बहुत महत्व है। इसमें मूंग व उड़द की खिचड़ी, तिल का लड्डू, काला तिल व गरम वस्त्र का दान करना पुण्यकारी माना जाता है।
वैष्णव अखाड़ा करेगी यात्रा की अगुवाई
मेला क्षेत्र में सभी अखाड़ों के पहुंचने से कुंभ के पहले शाही स्नान का शंखनाद हो गया। अखाड़ों के निशान और उनके ईष्ट देवताओं की शाही सवारी यात्रा में आगे-आगे चलेगी। वैष्णव अखाड़ा इनकी अगुवाई करेगा। संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई है। नामचीन संतों के यहां विदेशी मेहमान भी पहुंचने लगे हैं। अखाड़े अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं।
निरजंनी अखाड़े में सोमवार को महामंडलेश्वर बन रहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी शामिल होंगी। महिला मंडलेश्वरों की संख्या 50 से ज्यादा है। जूना में महिला नागा संन्यासी भी स्नान में शामिल होंगी। मंगलवार तड़के ही स्नान का सिलसिला शुरू हो जाएगा। प्रशासन ने एक दिन पहले ही घाट को तैयार कर लिया है। सोमवार से ही मेला क्षेत्र में यातायात पर प्रतिबंध लग जाएगा।
देश के सबसे बड़े जूना अखाड़ा में महामंडलेश्वरों एवं नागा संन्यासियों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां करीब 350 महामंडलेश्वर एवं एक लाख से ज्यादा नागा संन्यासी हैं। इस बार अखाड़े में किन्नर अखाड़ा के शामिल होने से संख्या और बढ़ गई है।
अखाड़े में रविवार की शाम को चार और महामंडलेश्वर बनाए हैं। जूना के आचार्य पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि स्नान की तैयारी में व्यस्त थे। उनके बहुत से अनुयायी देशभर से यहां पहुंच चुके हैं। अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि ने बताया कि उनके यहां कुल 351 महामंडलेश्वर हैं। नागा संन्यासियों की संख्या अनगिनत हैं, जिन वाहनों में महामंडलेश्वर बैठेंगे, उनकी साज-सज्जा का काम शुरू हो गया है।
जूना की तरह महानिरंजनी अखाड़ा भी दमखम के साथ तैयार हो रहा है। अखाड़े के सचिव महंत रवीन्द्र पुरी ने दावा किया कि करीब पांच हजार नागा संन्यासी शाही स्नान के लिए अखाड़े से निकलेंगे। इसमें सात महिला महामंडलेश्वर भी शामिल होंगी। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत ने बताया कि उनके अखाड़े के 25 महामंडलेश्वर शाही स्नान में शामिल होंगे।
अग्नि अखाड़े के महंत संपूर्णानंद जी महराज ने बताया कि गायत्री मां उनके अखाड़े की ईष्ट हैं। अखाड़े के ब्रह्मचारी चार महामंडलेश्वरों के साथ स्नान करेंगे। अखाड़े के सभापति स्वामी मुक्तानंद भी इसमें शामिल होगे। वैष्णव अखाड़े के निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने बताया कि शाही स्नान में सबसे ज्यादा अनी अखाड़े के संन्यासी हैं। विदेशी भक्तों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु बल्लभाचार्य महराज सबसे आगे रहेंगे।
पहली ‘परीक्षा’ की अभेद्य सुरक्षा
कुंभ नगर में जल, थल व नभ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हजारों पुलिसकर्मियों ने रविवार को संगम का जल लेकर कर्तव्य और दायित्व की शपथ ली। कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाने के साथ उन्हें ड्यूटी के लिए रवाना कर दिया गया। एडीजी एसएन साबत, कमिश्नर आशीष गोयल, आइजी मोहित अग्रवाल, डीआइजी केपी सिंह, मेलाधिकारी विजय किरण आनंद समेत पैरामिलिट्री के अफसर मौजूद थे।
यह हैं सुरक्षा में तैनात
- एनएसजी के 180 कमांडो
- एटीएस के 120 कमांडो
- एनडीआरएफ की 480 सदस्यीय टीम
- एसडीआरएफ की 320 सदस्यीय टीम
- करीब 42000 पुलिसकर्मी
- 3500 सीसीटीवी कैमरे
- 120 डायल 100 की गाडि़यां
- तीन कंट्रोल रूम
- 24 कंपनी पैरामिलिट्री
- 17 ड्रोन कैमरे
- 120 जल पुलिस के जवान
- 25 बम निरोधक दस्ता
- सात एंटी सबोटाज टीम
- 24 स्टीमर
- तीन क्रूज