IRCTC SCAM: तेजस्वी का तंज- BJP के साथ रहो तो हरिश्चंद्र, विरोध किया तो मुकदमा
रेल टेंडर घोटाला (आइआरसीटीसी घोटाला) में लालू परिवार को नियमित जमानत मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने केंद्र व बिहार सरकारों की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ देने वाले ‘राजा हरिश्चंद्र’ होते हैं, जबकि विरोधियों पर सीबीआइ मुकदमा करती है।
विदित हो कि रेल टेंडर घोटाला मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सीबीआइ व ईडी के मामलों में नियमित जमानत दे दी। इसके लिए लालू यादव की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जबकि राबड़ी व तेजस्वी सदेह उपस्थित थे।
तेजस्वी ने मोदी-नीतीश पर जमकर कसे तंज
नियमित जमानत मिलने के बाद कोर्ट से बाहर निकले तेजस्वी यादव ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तथा बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दोनों सरकारों पर मिलीभगत कर लालू परिवार को बेवजह फंसाने का आरोप लगाया।
कहा- खुद सीबीआइ निदेशक ही कर चुके साजिश का खुलासा: तेजस्वी ने कहा कि रेल टेंडर घोटाला में लालू यादव व उनके परिवार को किस तरह फंसाया गया, इसका ख्ाुलासा तो मुकदमा दर्ज करने वाली सीबीआइ के तत्कालीन निदेशक ही कर चुके हैं। इस साजिश में प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी, सुशील मोदी व नीतीश कुमार शामिल रहे।
विरोधियों को ऐसे ही फंसाती रही है भाजपा: तेजस्वी यादव ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं कि भाजपा का विरोध करने पर किसी को फंसाया गया है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के पीछे सीबीआइ लगा दी गई। आंध्र प्रदेश में जब चंद्रबाबू नायडू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ा तो उनके पीछे भी सीबीआइ लगा दी गई।
साथ रहने पर राजा हरिश्चंद्र, विरोध किया तो मुकदमा: तेजस्वी ने कहा कि भाजपा अपने विरोधियों के खिलाफ सीअीआइ लगा देती है। विरोधियों पर झूठे मुकदमे कराती है। उन्होंने तंज कसा कि भाजपा के साथ रहने वाले राजा हरिश्चंद्र होते हैं, जबकि विरोधियों के पीछे सीबीआइ लगा दी जाती है।
रेलवे टेंडर घोटाला मामला, एक नजर
वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आइआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआइ के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिये गये थे।
आरोप के मुताबिक, टेंडर दिये जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी।
जानकारी के मुताबिक, इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गयी थी और बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ही दे दी गयी, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी।