बर्फबारी बनी लोगों के लिए मुसीबत, जिलों के सीमा विवाद में फंसी जिंदगियां
पोखरी-रुद्रप्रयाग मोटर मार्ग एक हफ्ते से बंद पड़ा है। दो डिविजनों की सीमा मोहनखाल-ताली गदेरे से घिमतोली तक चार फिट तक बर्फ अभी तक साफ नहीं हुई है। दो जिलों का सीमा विवाद बर्फ हटाने में आड़े आ रहा है। पोखरी का डोजर आपरेटर ताली गदेरे से सड़क बंद पड़ी होने से पोखरी से रुद्रप्रयाग जाना लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। यह सड़क पोखरी डिविजन के पास 10 किलोमीटर है और 42 किलोमीटर रुद्रप्रयाग डिविजन के पास है। हालांकि लोनिवि पोखरी ने बर्फ साफ करने के लिए मोहनखाल से आगे डोजर भेजा है। स्थानीय लोगों के अनुसार डोजर ताली गदेरे की बर्फ साफ नहीं कर रहा है। डोजर आपरेटर आगे की सीमा रुद्रप्रयाग डिविजन की बताकर वापस आ गया है।
मोहनखाल के राकेश नेगी, राकेश बासकंडी, ललित मोहन थपलियाल ने बताया कि ताली गदेरे की सीमा पोखरी डिविजन के पास है और आगे की सीमा रुद्र्रप्रयाग डिविजन के पास है। उन्होंने कहा कि घिमतोली से मोहनखाल तक बर्फ के कारण सड़क बंद है, और लोनिवि रुद्रप्र्रयाग सड़क खोलने के प्रति कोई रुचि नहीं दिखा रहा हैं। इस सड़क पर सात दिन से यातायात बंद चल रहा है, जिससे व्यापारियों एवं आम जनता की परेशानी बढ़ गई है। लोनिवि पोखरी के अधिशासी अभियंता रमेश चंद्रा ने कहा कि मोहनखाल ताली गदेरे के लिए बर्फ को साफ करने के लिए डोजर भेजा है, यदि पोखरी डिविजन की सीमा दस किलोमीटर तक बर्फ साफ नहीं हुई होगी, तो सुबह फिर से डोजर भेजकर सड़क खुलवाई जाएगी।
बिजली के साथ जरूरी चीजों की भी किल्लत
नैनबाग में पिछले दिनों हुई भारी बर्फबारी ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। बर्फबारी के बाद से पर्यटक स्थल धनोल्टी के दर्जनों गांव के कस्बों में बिजली आपूर्ति ठप होने के साथ-साथ अब राशन का भी संकट पैदा हो गया है। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड जौनपुर के तहत पर्यटक स्थल धनोल्टी में विगत दिनों हुई बर्फबारी के चलते धनोल्टी-बुरांशखंड मोटर मार्ग एक सप्ताह से बंद पड़ा है, जिससे गांव में राशन, सब्जी और दूध समेत जरूरी चीजों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं, दूरस्थ गांवों में बिजली आपूर्ति भी बाधित होने से अंधकार छाया हुआ है। पर्यटक स्थल धनोल्टी व बुरांशखंड के बीच भारी बर्फबारी हुई। इसके लिए जेसीबी भी लगाई गई, लेकिन बर्फबारी अधिक होने से मार्ग नहीं खुल पाया है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम प्रधान सुमित्रा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य तपेंद्र बेलवाल, देवेंद्र बेलवाल और कुलदीप नेगी का कहना है कि जेसीबी लगाए जाने के बाद भी मार्ग नहीं खुल पाया। मार्ग बंद होने से आवागमन की साथ ही ग्रामीणों को अन्य परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
बर्फबारी में अलर्ट रहेगी एसडीआरएफ की माउंटनेरिंग टीम
प्रदेश में बर्फबारी के दौरान एसडीआरएफ की सर्च एंड रेस्क्यू टीम के अलावा माउंटनेरिंग टीम भी अलर्ट पर रहेगी। इसके लिए सभी टीम को बर्फ हटाने के आधुनिक उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं। सुवाखोली में टीम के देरी से रेस्क्यू मामले में पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट मांगी है। ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही सामने न आए।
प्रदेश में दिसंबर से लेकर फरवरी तक बर्फबारी के चलते कई गांव और इलाके आपदा जैसे हालात में जूझते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें बंद होने से लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। दो दिन पहले हुई बर्फबारी से भी कुछ इस तरह के हालात बने। यही वजह रही कि बर्फबारी होते ही मसूरी-सुवाखोली मार्ग पर दो सौ से ज्यादा वाहन फंस गए। लोग कई मील पैदल चलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। इस दौरान दून से एसडीआरएफ की माउंटनेरिंग टीम भी रवाना हुई। लेकिन समय पर सुवाखोली न पहुंच पाने के कारण रास्ते नहीं खोल पाई। हालांकि इस दौरान एसपी सिटी श्वेता चौबे के साथ मसूरी पुलिस की मदद से काफी पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया था। डीजी अशोक कुमार ने बताया कि बर्फबारी में अब एसडीआरएफ की माउंटनेङ्क्षरग और रेस्क्यू टीम आधुनिक उपकरणों के साथ तैयार रहेगी। ताकि आपदा की सूचना पर टीम तत्काल मौके पर पहुंच सके। उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद टीम की देरी के बारे में रिपोर्ट मांगी जाएगी।
तृप्ति भट्ट (कमांडेंट एसडीआरएफ) का कहना है कि मसूरी में बर्फबारी की सूचना पर दून में स्थित दोनों माउंटनेरिंग टीम को कोल्हूखेत में तीन घंटे पहले भेज दिया था। इससे रिस्पोंस टाइम भी एडवांस था। सुवाखोली में देरी से पहुंचने की सूचना गलत है। एसडीआरएफ की टीमें सुवाखोली के अलावा अन्य स्थानों पर भी रेस्क्यू में जुटी रही है।
हर्षिल में फंसे पर्यटकों को पहुंचाया उत्तरकाशी
हर्षिल में बर्फबारी के कारण एक हफ्ते से फंसे 21 पर्यटकों में से 11 पर्यटकों को एसडीआरएफ ने सोमवार को उत्तरकाशी शहर में पहुंचा दिया। हालांकि दस पर्यटक बर्फबारी का लुत्फ उठाने को खुद अपनी मर्जी से अब भी हर्षिल में हैं।
एक हफ्ते पहले 21 जनवरी को 21 पर्यटकों का एक दल बर्फबारी का लुत्फ उठाने हर्षिल पहुंचा था। इस बीच बर्फबारी के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भटवाड़ी के आगे बंद हो गया। इससे यह पर्यटक वहीं फंस गए। जिला प्रशासन ने इन पर्यटकों के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में रुकने की व्यवस्था की। रविवार को यात्रा मजिस्ट्रेट और एसडीआरएफ का दल इन पर्यटकों की सकुशल वापसी को हर्षिल पहुंचा। राजमार्ग से बर्फ हटाने के बाद सोमवार को पर्यटकों के दल को उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया। इसमें से 11 पर्यटक उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए, जबकि शेष 10 पर्यटकों ने स्वेच्छा से हर्षिल की बर्फीली वादियों में रहना स्वीकार किया। आपदा प्रबंधक समन्वयक जय पंवार ने बताया कि सोमवार को राजमार्ग से बर्फ हटाकर पर्यटकों को उत्तरकाशी लाया गया। शेष कुछ पर्यटक हर्षिल में सुरक्षित स्थान पर हैं।
चकराता घूमने आई नोएडा, उत्तर प्रदेश की एक महिला समेत दिल्ली के तीन पर्यटक आठ दिनों से लोखंडी के पास बर्फबारी के बीच फंसे हैं। स्थानीय प्रशासन को सूचना सात दिन बाद बीते रविवार को मीडिया के माध्यम से मिली। लोखंडी से चकराता बाजार की दूरी करीब तीस किमी है। चारों तरफ बर्फ होने से लोग सामान की खरीददारी करने बाजार नहीं जा पा रहे हैं। लोखंडी के एक होटल में ठहरे पर्यटकों को पीने के पानी के साथ ही खाने की समस्या खड़ी हो गई है। क्षेत्र में रेकार्ड बर्फबारी के चलते जलस्रोत जाम हो गए हैं, जिससे आसपास गांव के लिए बिछाई गई पेयजल लाइन में आपूर्ति भी आठ दिनों से ठप है। होटल में लगी पानी की टंकी बर्फ से जम गई है। बर्फबारी प्रभावित लोखंडी के लोग और दिल्ली के चारों पर्यटक बर्फ पिघालकर हलक तर कर रहे हैं।
चकराता-मसूरी-त्यूणी हाईवे बंद होने के कारण बर्फबारी प्रभावित ऊंचे इलाकों में रसद आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिससे पर्यटकों को खाने-पीने की चीजों के लिए तरसना पड़ रहा है। पर्यटकों के कई बार शिकायत करने पर स्थानीय प्रशासन ने उन्हें बाहर निकालने को समय रहते प्रयास नहीं किया। सोमवार को हरकत में आए स्थानीय प्रशासन व लोनिवि एचएच खंड ने हाईवे खोलने की कार्रवाई शुरू कर दी। अधिशासी अभियंता लोनिवि एनएच खंड डोईवाला ओपी सिंह ने कहा कि चकराता-मसूरी-त्यूणी हाईवे को खोलने के लिए स्नो कटर व पोकलैंड की दो मशीनें लगाई गई हैं। जाड़ी से लोखंडी व कोटी-कनासर के बीच करीब पंद्रह किमी सड़क पूरी तरह बर्फ से पैक है। कई जगह सड़क पर दो से पांच फुट तक बर्फ पड़ी है। जिसे हटाने में कुछ दिन और लगेंगे। मशीनें एक दिन में एक से दो किमी ही मार्ग खोल पा रही हैं।