राष्ट्रपति जी बजट पेश करने की इजाजत दीजिए, अरे पहले जूस पीजिए…!
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल थोड़ी देर में लोकसभा में बजट (Budget 2019) पेश करेंगे. आम चुनाव से पहले सरकार अंतरिम बजट (Interim Budget 2019) पेश कर रही है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल अन्य सहयोगियों के साथ बजट का बैग लेकर राष्ट्रपति भवन पहुंचे. यहां वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से बजट पेश करने की अनुमति लेने पहुंचे थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोगों का स्वागत जूस पिलाकर किया. न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी तस्वीर में दिख रहा है कि राष्ट्रपति के साथ टेबल पर बैठे लोगों के सामने जूस परोसा गया है.
इससे पहले सुबह 10 बजे संसद परिसर में कैबिनेट की बैठक होगी. हर बार की तरह कैबिनेट की यह बैठक 11 बजे से लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले संपन्न हो जाएगी. इससे पहले अंतरिम बजट की कापियां संसद भवन परिसर में पहुंच चुकी हैं. ये कापियां संसद सदस्यों और मीडिया को दी जाएंगी. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बजट को औपचारिक मंजूरी दे दी है.
शिव प्रताप शुक्ल ने माता विंध्यवासिनी का लिया आशीर्वाद
लोकसभा में बजट (Budget 2019) पेश होने से पहले वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल (Shiv Pratap Shukla) ने अपने आवास पर भगवान आर्शीवाद लिया. न्यूज एजेंसी ANI पर जारी तस्वीर में दिख रहा है कि शिव प्रताप शुक्ल ने भगवान विंध्याचल माता का आर्शीवाद लिया. तस्वीर में दिख रहा है कि मंत्री माता विंध्यवासिनी की तस्वीर के सामने माथा टेक रहे हैं. शिव प्रताप शुक्ला पूर्वांचल से आते हैं और इस इलाके में माता विंध्याचल के प्रति लोगों की काफी आस्था मानी जाती है. बजट से पहले शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हम लोकप्रिय सरकार हैं, ऐसे में स्वभाविक है कि हम बजट में सभी का ध्यान रखेंगे. हमने हमेशा लोगों का बजट पेश करते आए हैं.
पीयूष गोयल पेश करेंगे बजट
वित्त मंत्री अरुण जेटली इलाज के लिए विदेश चले गए हैं. ऐसे में पीयूष गोयल (Piyush goel) वित्त मंत्रालय का काम देख रहे हैं. वही बजट पेश करेंगे. बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा किसानों के लिये राहत पैकेज, छोटे उद्यमियों को समर्थन और कुछ अन्य लोक लुभावन घोषणायें वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट का हिस्सा हो सकतीं हैं.
माना जा रहा है कि आम चुनाव में जाने से पहले सरकार इन घोषणाओं के जरिये मतदाताओं को लुभाने का एक और प्रयास करेगी. यह बजट केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के मौजूदा कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट होगा. हालांकि, यह अंतरिम बजट होगा लेकिन उद्योग सूत्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री गोयल इससे आगे बढ़कर कुछ नई घोषणायें कर सकते हैं.
अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के चार महीने के खर्च के लिये संसद की अनुमति ली जायेगी. पूर्ण बजट आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार जुलाई में पेश करेगी.
कांग्रेस के उभार को देखते हुये गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण जैसे किसी योजना की घोषणा कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मतदाताओं को रिझाने के लिये पहले ही कह चुके हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जायेगा और गरीबों को न्यूनतम आय सीधे हस्तांतरित की जायेगी.
तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में हाल में भाजपा की पराजय के लिये किसानों के असंतोष को प्रमुख वजह माना जा रहा है. ऐसे में गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकदी अंतरण जैसी कोई योजना घोषित कर सकते हैं. किसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है.
सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट सरकार के लिये उसकी मध्यकालिक कार्ययोजना पेश करने का एक बेहतर मौका है जिसमें वह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिये उपायों की घोषणा कर सकती है. इसमें सर्वजनीन न्यूनतम आय योजना की घोषणा भी की जा सकती है. वर्ष 2016- 17 के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी अवधारणा रखी गई थी.
गोयल ने पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला है. अरुण जेटली के इलाज के लिये अमेरिका जाने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये इसे साढे तीन लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. महिलाओं की भी साढे तीन लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त किया जा सकता है.
विभिन्न निवेशों पर धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट को मौजूदा डेढ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता है जबकि आवास रिण पर मिलने वाली वार्षिक ब्याज छूट को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की घोषणा हो सकती है. छोटे व्यावसायों के लिये सस्ते कर्ज की योजना घोषित हो सकती है. कृषि क्षेत्र के राहत पैकेज में संभावित विकल्पों के तौर पर तेलंगाना राज्य की तर्ज पर किसानों को सीधे नकद राशि के हस्तांतरण की घोषणा की जा सकती है. उन किसानों के लिये जो समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं ब्याज मुक्त फसल रिण देने की सुविधा दी जा सकती है. खाद्यान्न फसलों के बीमा पर प्रीमियम को समाप्त किया जा सकता है.
उद्योग और जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार रोजगार सृजन के लिये भी ठोस उपाय किये जा सकते हैं क्योंकि सरकार पर रोजगारविहीन जीडीपी वृद्धि हासिल करने का आरोप लगाया जाता रहा है.