आयकर छूट की सीमा अभी भी 2.5 लाख रुपये है और इसे बढ़ाकर दोगुना नहीं किया गया

बजट 2019 में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है बल्कि कर में रियायत दी गई है।

आयकर छूट की सीमा अभी भी 2.5 लाख रुपये है और इसे बढ़ाकर दोगुना नहीं किया गया है। साफ शब्दों में समझे तो प्रस्तावित बदलाव के बाद पांच लाख रुपये तक आय वाले करदाताओं को इस रियायत का लाभ मिलेगा।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 87A के तहत छूट के दायरे को बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है। यह उनके लिए हैं, जिनकी आय 5 लाख रुपये तक है।

रिबेट, टैक्स की वह रकम होती है, जिसका भुगतान टैक्सपेयर्स को नहीं करना होता है.

मसलन अगर किसी व्यक्ति की सकल आय वित्त वर्ष 2019-20 में 6.5 लाख रुपये है और वह सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश कर चुका है तो अब उसे 5 लाख रुपये की आय पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा और उसकी कर देनदारी 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5 फीसद) होगी। लेकिन चूंकि छूट 12,500 रुपये की है, इसलिए उसे 5 लाख वाले स्लैब में शून्य कर का भुगतान करना होगा।

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते समय इसकी घोषणा की। उनकी घोषणा के बाद यह समझा गया कि आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। 

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि पांच लाख रुपये तक की आय वाले टैक्स पेयर्स को पूरी कर रियायत मिलेगी, इस प्रकार उनको कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी।

होम लोन और एजुकेश लोन पर ब्याज व अन्य खर्चो समेत निर्धारित निवेश और अतिरिक्त कटौती के साथ 6.5 लाख रुपये और उससे अधिक आय वाले लोगों को किसी प्रकार का इनकम टैक्स भरने की जरूरत नहीं होगी।

विशेषज्ञों की माने तो इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि इनकम टैक्स एक्ट 87 ए के तहत रियायत दी गई है, जो पहले 3.5 लाख रुपये की आय वालों के लिए 2,500 रुपये थी।

अगर किसी व्यक्ति की कर देनदारी 12,500 रुपये है तो प्रस्तावित रियायत के बाद वह अब जीरो हो जाएगा, लेकिन अगर कर देनदारी उससे अधिक है तो उसको 2.5 लाख रुपये की छूट सीमा से ऊपर की आय पर कर की पूरी राशि का भुगतान करना होगा।

मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब इस प्रकार है-

2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष की आमदनी टैक्स फ्री।

2,50,000 से 5,00,000 रुपये तक की आमदनी पर 5% टैक्स।

5 लाख से 10 लाख रुपये पर 20% टैक्स।

10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30% टैक्स।

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