अयोध्या में आज 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को अयोध्या में 7,195 करोड़ रुपये की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इसमें राम वनगमन मार्ग तथा कोसी परिक्रमा मार्ग शामिल हैं. इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 632 किलोमीटर होगी.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को अयोध्या में 632 किलोमीटर की लंबाई वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इन पर 7,195 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.’’ अयोध्या रिंग रोड से शहर में यातायात जाम कम होगा. परियोजनाओं से अयोध्या और वाराणसी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण का स्तर नीचे आएगा.
नदी सूचना प्रणाली के दूसरे चरण का भी करेंगे उद्घाटन
इस बीच, पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गडकरी शुक्रवार को फरक्का और पटना के बीच नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे. केंद्रीय मंत्री गंगा में फरक्का पर नए नेवीगेशन लॉक का शुभारंभ करेंगे, जिससे गंगा नदी में हिल्सा मछली के प्रजनन में मदद मिलेगी इस परियोजना से गंगा में माल परिवहन और मत्स्य पालन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा. गडकरी कुम्भ मेले में नमामि गंगे प्रदर्शनी देखने जाएंगे.
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर 410 किलोमीटर लंबे फरक्का-पटना मार्ग पर नदी सूचना प्रणाली के दूसरे चरण का उद्घाटन होने से इस मार्ग पर चलने वाले जहाजों और नदी किनारे बने आधार स्टेशनों के बीच इलेक्ट्रॉनिक डाटा का तेज गति से आदान-प्रदान हो सकेगा. यह एक प्रकार की जहाज यातायात प्रबंधन प्रणाली है, जिसमें अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है. इसकी मदद से जहाजों के बीच टक्कर, जहाज और पुल के टकराने की घटनाओं को रोकने तथा जल परिवहन से जुड़ी सभी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलती है. यह प्रणाली यूरोप, चीन और अमरीका जैसे देशों में उन्नत जल परिवहन के लिए इस्तेमाल की जाती है.
नदी सूचना प्रणाली के दूसरे चरण में– मनिहारी, भागलपुर, मुंगेर, बाढ़ और हतिदह में पांच आधार स्टेशन बनाए गए हैं, जबकि पटना में एक कंट्रोल स्टेशन बनाया गया है. भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण इस परियोजना को तीन चरणों में लागू कर रहा है. पहला चरण 2016 में 57 करोड़ रुपये की लागत से हल्दिया-फरक्का के बीच 545 किलोमीटर लंबे जलमार्ग पर शुरू किया गया था. पटना और वाराणसी के बीच 356 किलोमीटर जलमार्ग पर यह परियोजना प्रगति पर है.