निवेश और प्लानिंग साथ-साथ चलें तो बेहतर है
निवेश और प्लानिंग साथ-साथ चलें तो बेहतर है। अगर आप अपने बच्चे के भविष्य के लिए निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो याद रखिये कि इसकी जरूरत अलग-अलग उम्र में बदल सकती है। मसलन आपको बुनियादी शिक्षा, ट्रेनिंग के उद्देश्यों, कम समय में शिक्षा की गतिविधियों के लिए पैसे की आवश्यकता होगी, बीच के समय में उच्च शिक्षा के लिए धन की जरूरत पड़ेगी, घर से दूर रहकर पढ़ने पर पढ़ाई के लिए खर्च, शादी पर खर्च आदि के लिए पैसों की जरूरत पड़ेगी।
कम समय के लिए क्या हो उद्देश्य?
अल्पकालिक उद्देश्यों (3 से 5 वर्ष) के लिए, आप फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट, डेब्ट म्युचुअल फंड चुन सकते हैं। कम समय के लिए ऐसे उदाहरण हो सकते हैं जब आपको तत्काल आधार पर पैसे की आवश्यकता होती है, और यदि आपने ऐसी परिसंपत्तियां चुनी हैं, जिनका 5-10 साल से अधिक का लॉक-इन पीरियड है, तो तुरंत पैसे की व्यवस्था करना मुश्किल होगा।
मिड टर्म ऑब्जेक्टिव?
मध्यावधि उद्देश्यों (5-10 वर्ष) के लिए, कोई व्यक्ति सार्वजनिक भविष्य निधि, इक्विटी म्युचुअल फंड योजना, शेयर बाजार (यदि थोड़ा अधिक जोखिम लेने को तैयार हो), टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेश विकल्प की तलाश कर सकता है। पीपीएफ में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, हालांकि, आप छह साल पूरा होने के बाद आंशिक निकासी के लिए आवेदन कर सकते हैं और आप तीन साल के बाद पीपीएफ जमा के खिलाफ कर्ज के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
दीर्घकालिक उद्देश्य?
दीर्घकालिक उद्देश्यों (10 वर्ष और अधिक) के लिए, आप निश्चित रूप से पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, सुकन्या समृद्धि खाता और अन्य कई दीर्घकालिक निवेश विकल्पों को चुन सकते हैं। इसके लिए आप चाहें तो किसी बेहतर वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं।