तेल-सोने के लिए दुनिया का मोहताज नहीं रहेगा भारत, इकोनॉमी को होगी मजबूत

 देश के निर्यात कारोबार में फरवरी के दौरान 2.44 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन सोना और पेट्रोलियम पदार्थों का आयात घटने से माह के दौरान व्यापार घाटा कम होकर 9.6 अरब डॉलर पर सिमट गया. देश का वाणिज्यिक निर्यात फरवरी में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 2.44 प्रतिशत बढ़कर 26.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया. फरवरी 2018 में यह 26.03 अरब डॉलर रहा था. इस दौरान औषधि, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र के उत्पादों की निर्यात मांग बढ़ी है.

आयात घटकर 36.26 अरब डॉलर रह गया
आयात 5.4 प्रतिशत घटकर 36.26 अरब डॉलर रह गया. इससे फरवरी में व्यापार घाटा 1 साल पहले इसी माह के व्यापार घाटे के मुकाबले घटकर 9.6 अरब डॉलर रह गया. किसी देश का निर्यात यदि आयात के मुकाबले कम रहता है तो उसे व्यापार घाटा होता है. 1 साल पहले फरवरी में यह 12.3 अरब डॉलर रहा था. जबकि 1 महीना पहले जनवरी 2019 में यह 14.73 अरब डॉलर रहा था.

पेट्रोलियम प्रोडक्ट का आयात भी घटा
आयात में गिरावट की प्रमुख वजह फरवरी में सोना और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात घटना रहा है. फरवरी 2019 में सोने का आयात एक साल पहले इसी माह के मुकाबले 11 प्रतिशत घटकर 2.58 अरब डॉलर रह गया. वहीं पेट्रोलियम उत्पादों का आयात 8 प्रतिशत कम होकर 9.37 अरब डॉलर का रहा.

जहां तक अप्रैल से फरवरी 2018-19 अवधि के दौरान आयात- निर्यात की बात है इन 11 महीनों के दौरान देश का कुल निर्यात 298.47 अरब डॉलर रहा जबकि कुल आयात 9.75 प्रतिशत बढ़कर 464 अरब डॉलर पर पहुंच गया. अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 की अवधि में हालांकि व्यापार घाटा बढ़कर 165.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस दौरान पेट्रोलियम आयात 128.72 अरब डॉलर का रहा जो कि एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 31.98 प्रतिशत अधिक रहा.

निर्यातकों के महासंघ फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने निर्यात-आयात आंकड़ों पर अपनी टिप्पणी में कहा कि निर्यातकों ने तमाम चुनौतियों और परेशानियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है.

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