मनीष की पटकथा को तैयारी के साथ दिया अंजाम, सियासी खेमों में बंट गया परिवार
भाजपा के वरिष्ठ नेता और गढ़वाल सांसद मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवनचंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को कांग्रेस में शामिल करने की पटकथा कांग्रेस ने बड़ी तैयारी के साथ अंजाम तक पहुंचाई। मनीष के जरिये कांग्रेस ने भाजपा को कई मोर्चों पर घेरने की रणनीति अपनाई है। इसके लिए पौड़ी सीट से मनीष का टिकट पक्का माना जा रहा है, बल्कि पार्टी के भीतर रोष को थामने के लिए गणोश गोदियाल समेत संबंधित क्षेत्रीय पूर्व विधायकों को भी साधा गया है।
लोकसभा चुनाव के मौके पर मनीष खंडूड़ी को कांग्रेस में शामिल कराकर पार्टी ने उत्तराखंड की सियासत में हलचल पैदा कर दी। इस पूरी कसरत के लिए पार्टी ने कई स्तरों पर मशक्कत की। चूंकि मामला सीधे हाईकमान से भी जुड़ा था, लिहाजा पार्टी के भीतर भी इस मामले में पूरी ऐहतियात बरती गई। खास बात ये है कि पौड़ी गढ़वाल सीट से भुवनचंद्र खंडूड़ी वर्तमान में सांसद हैं। मनीष खंडूड़ी को इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बनाने का इरादा भी रखती है। भाजपा में अंतर्कलह और बड़े व उम्रदराज नेताओं को सम्मान नहीं देने को मुद्दा बनाकर कांग्रेस सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में ही संदेश देना चाहती है।
इस कार्य में बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए क्षेत्रीय दिग्गजों व पूर्व विधायकों की भी मान-मनौवल की गई। पूर्व विधायक गणोश गोदियाल ने मनीष को कांग्रेस में शामिल कराने में बड़ी भूमिका अदा की। गोदियाल हफ्तेभर तक दिल्ली में ही डेरा डाले रहे। संपर्क करने पर गणोश गोदियाल ने कहा कि मनीष का कांग्रेस में शामिल होने का स्वागत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी भी भाजपा के दूषित हो चुके प्लेटफार्म को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होंगे।
सियासी खेमों में बंट गया परिवार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गढ़वाल सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को कांग्रेस में शामिल करते वक्त जिस तरह के संकेत दिए, उससे लगता है कि कांग्रेस उन्हें चुनाव मैदान में उतारकर पूर्व मुख्यमंत्री खंडूड़ी की विरासत को भुनाने का प्रयास करेगी। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री खंडूड़ी अपनी सियासी विरासत पहले ही पुत्री ऋतु खंडूड़ी को सौंप चुके हैं, जो यमकेश्वर क्षेत्र से विधायक हैं। अब अगर मनीष बतौर कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में उतरते हैं तो चुनाव के दौरान पिता-पुत्री एक खेमे और पुत्र दूसरे खेमे में नजर आएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी (सेनि) सियासत में पिछले तीन दशक से सक्रिय हैं। न सिर्फ राज्य बल्कि राष्ट्रीय फलक पर भी उन्होंने बड़ी पहचान बनाई। भाजपा नेतृत्व उनसे अहम मसलों पर राय लेकर आगे बढ़ता है। एक दिन पहले भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की अगुआई में भाजपाई दिग्गजों ने उनसे लोस चुनाव समेत अन्य मसलों पर चर्चा की। इस बीच शनिवार को खंडूड़ी के पुत्र मनीष के कांग्रेस का हाथ थामने से यह परिवार सियासी खेमों में बंट गया। असल में, 87 वर्षीय खंडूड़ी अपनी उम्र और स्वास्थ्य संबंधी कारणों को देखते हुए अपनी राजनीतिक विरासत पुत्री ऋतु खंडूड़ी को सौंप चुके हैं, जो सियासत में सक्रिय हैं और यमकेश्वर क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा की विधायक हैं।
भाजपा के सदस्य नहीं मनीष
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने मनीष खंडूड़ी के कांग्रेस की सदस्यता लेने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मनीष का व्यक्तिगत फैसला है। मनीष न तो कभी भाजपा के सदस्य रहे और न हैं। इसका भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भट्ट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, जिनका हमेशा मार्गदर्शन मिला है और मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार के दो सदस्यों के अलग-अलग दलों में होने के कई उदाहरण आज भी हमारे सामने हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व उनके पुत्र कांग्रेस में हैं, जबकि उनकी देवरानी मेनका गांधी व उनके पुत्र भाजपा में हैं।