बेन स्टोक्स कभी नहीं भूल पाएंगे 3 अप्रैल का दिन

विश्व कप जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है. अगर यह विश्व कप टीम इवेंट का है, तो एक साथ कई खिलाड़ी इस सपने को जीते हैं. लेकिन तब क्या हो, जब किसी एक खिलाड़ी की वजह से बाकी खिलाड़ियों का सपना टूट जाए. इस तरह का बुरा अनुभव आज से तीन साल पहले बेन स्टोक्स (Ben Stokes) को झेलना पड़ा था, जब उनकी वजह से इंग्लैंड (England) का विश्व कप जीतने का सपना चकनाचूर हो गया था. 

इंग्लैंड, जो क्रिकेट का जन्मदाता है. उसने आज तक सिर्फ एक ही बार इस खेल का विश्व कप (टी20) जीता है. उसने टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) का यह खिताब 2010 में जीता था. इसके ठीक छह साल बाद इंग्लैंड के पास एक बार फिर टी20 विश्व कप (World T20) जीतने का मौका आया था. साल 2016 में भारत में खेले गए टी20 विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज पहुंचे. कोलकाता में खेला गया फाइनल मुकाबला बेहद नाटकीय साबित हुआ और वेस्टइंडीज ने लगभग हारा हुआ मैच जीत लिया. 

इंग्लैंड ने खिताबी मुकाबले में वेस्टइंडीज (West Indies) को 156 रन का लक्ष्य दिया. वेस्टइंडीज इसके जवाब में 107 रन पर छह विकेट गंवा चुका था. लेकिन मर्लोन सैमुअल्स और कार्लोस ब्रैथवेट (Carlos Brathwaite) क्रीज पर मौजूद थे. वेस्टइंडीज ने 19वें ओवर की समाप्ति पर छह विकेट पर 137 रन बना लिए थे. इस तरह उसे आखिरी ओवर में जीत के लिए 19 रन बनाने थे. 

इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने आखिरी ओवर फेंकने का जिम्मा ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को सौंपा. बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर कार्लोस ब्रैथवेट थे. इंग्लैंड की जीत पक्की लग रही थी. लेकिन शायद इंग्लैंड की किस्मत में दूसरा विश्व कप नहीं लिखा था. और कार्लोस ब्रैथवेट ने लगातार चार छक्के जमाकर यह विश्व कप वेस्टइंडीज के नाम कर दिया. इस तरह इंग्लैंड ने तो नहीं, पर वेस्टइंडीज ने जरूर दूसरा टी20 विश्व कप जीत लिया. वेस्टइंडीज दुनिया की अकेली टीम है, जिसने वनडे और टी20, दोनों ही फॉर्मेट में दो-दो बार विश्व कप जीता है. 

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