आदित्यनाथ बोले हमारी सेना कहना असंसदीय नहीं तो ‘मोदी की सेना’ कैसे

देश में 17 वें लोकसभा के रण में पीएम नरेन्द्र मोदी के बाद भाजपा में चुनावी जनसभाओं के लिए सबसे ज्यादा मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। पार्टी के स्टार प्रचारक और फायर ब्रांड नेता योगी की जितनी मांग प्रदेश में है उससे कम दूसरे राज्यों में भी नहीं है। जनसभाओं में मतदाताओं के मर्म को समझते हुए राष्ट्रवााद, आस्था और मोदी की बात से भावनाओं का उफान खड़ा कर योगी भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहे हैैं। 

ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं कर रहे योगी आदित्यनाथ बुधवार को मेरठ, बागपत और गाजियाबाद के दौरे पर थे। लखनऊ से इन शहरों की हवाई यात्रा के दौरान उन्होंने दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख से बात की। प्रमुख अंश – 

इन दिनों व्यस्तता काफी बढ़ गई होगी?

– मैं तो कभी भी चार-पांच घंटे से अधिक नहीं सोता। मुख्यमंत्री होने के नाते पहले से ही शासन-प्रशासन का काम तो है ही, इन दिनों पार्टी-संगठन ने चुनाव प्रचार का दायित्व भी सौंप रखा है। हमारे सभी प्रत्याशी चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में मेरी जनसभा हो, इसलिए मेरी कोशिश भी है कि कम से कम एक बार तो हर एक संसदीय क्षेत्र में पहुंच ही जाऊं। जरूरत पडऩे पर मोबाइल या अन्य माध्यमों से भी अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाएंगे।

आपकी कितनी जनसभाएं प्रस्तावित हैं?

– देखिए, चार से पांच जनसभाएं रोज कर रहा हूं। अब तक 12-13 हो चुकी हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और गुजरात में सभाएं की हैैं। 17 मई तक मोटे तौर पर 250 जनसभाएं केरल, बिहार, असम, उड़ीसा, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश आदि राज्य में करूंगा। कोशिश रहेगी कि प्रत्येक चरण में प्रचार के अंतिम दिन यूपी में ही जनसभा करूं।

सपा-बसपा गठबंधन के सामाजिक समीकरण व कांग्रेस में कौन बड़ी चुनौती है?

– भाजपा के लिए दूर-दूर तक कोई चुनौती नहीं है। सपा-बसपा गठबंधन का सामाजिक समीकरण फेल हो चुका है, वे हताशा-निराशा के शिकार हैं। वोटर भला कैसे भूल सकता है कि सपा-बसपा की सरकारों में उनकी बहन-बेटियां कितनी असुरक्षित थीं? भ्रष्टाचार-अराजकता के साथ ही आए दिन दंगे होते। कांग्रेस का न पहले कुछ था और न अबकी कुछ होता दिख रहा है। हमारे पास पिछली बार सिर्फ मोदी का नाम था, अबकी नाम के साथ उनके काम और दूर तक फैला यश भी है। मोदी जी ने देश का गौरव बढ़ाने के साथ ही समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए बहुत कुछ किया है। इसे देश की जनता देख और समझ रही है कि मोदी जी से ही सब कुछ मुमकिन है, इसलिए देशभर से अबकी 400 प्लस और प्रदेश से भाजपा की 74 प्लस सीटें होंगी।

क्या गठबंधन से अलग कांग्रेस के लड़ने से भाजपा को फायदा होगा?  

– आपको नहीं लगता कि सिर्फ दिखावे के लिए सपा-बसपा और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे है। दरअसल, चुनाव में 80 बनाम 20 ( बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक) के डर से सपा-बसपा व कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ते दिखना चाहते हैैं जबकि तीनों पार्टियों में अंदरूनी मिलीभगत है। तीनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैैं। यह क्या कर रहे हैं, सबको पता है। आखिर रायबरेली-अमेठी में सपा-बसपा क्यों नहीं लड़ रही? सपा के लिए कांग्रेस ने सात सीटें क्यों छोड़ी है?

प्रियंका वाड्रा का सक्रिय राजनीति में आने का क्या असर देख रहे हैैं?

-कोई असर नहीं दिखता। (तंज करते हुए) आखिर जीरो और जीरो मिलकर भी हमेशा जीरो ही रहता है। प्रियंका पहले भी सक्रिय रही हैैं लेकिन हर बार कांग्रेस की दुर्गति ही हुई है।

राम जन्मभूमि पर बयान को लेकर आपने प्रियंका से माफी मांगने की बात कही है?

– देखिए, अयोध्या जाकर प्रियंका रामलला के दर्शन करे या न करें, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है लेकिन राम जन्मभूमि को विवादित स्थल बताकर प्रियंका ने देशभर के हिंदुओं की आस्था का अपमान किया है, इसके लिए उन्हेें माफी मांगनी चाहिए। जहां रामलला विराजमान हैैं वही राम जन्मभूमि है।

क्या कांग्रेस सी गढ़ अमेठी में भी अबकी भाजपा का परचम लहराएगा?

– बिल्कुल, अमेठी में चार पीढ़ियों से वे जीतते रहे लेकिन वहां के लिए कुछ नहीं किया। वहां के मतदाता कांग्रेस से नाराज हैैं। हमारी सरकार लगातार सभी क्षेत्रों में जबरदस्त काम कर रही है, इसलिए अबकी वहां भी कमल खिलेगा। इसी डर से ही तो राहुल गांधी दूसरी सीट से चुनाव लडऩे  को मजबूर हुए हैैं।

घोषणा पत्र को लेकर आपने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैैं?

-याद कीजिए, कांग्रेस के शासनकाल में देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों को दिया जाता था लेकिन, अब ऐसा नहीं है। हम किसी तरह का भेदभाव नहीं करते जबकि वे तुष्टीकरण करते रहे और कर रहे हैैं। कांग्रेस का 55 पेज का घोषणा पत्र पढि़ए, यह तो राष्ट्र को आतंकवाद, अलगाववाद व उग्रवाद के हवाले कर देने वाला है। सेना के शौर्य पर कोई संदेह नहीं करता, लेकिन कांग्रेस ने उसे भी संदेहास्पद बनाने की कोशिश की।

चुनावी सभाओं में आप कांवड़ यात्रा को मुद्दा बना रहे हैं? 

-आप जानते हैं कि पिछली सरकारों ने कांवड़ यात्रा को शव यात्रा जैसा बना दिया था लेकिन अब उसमें डीजे भी है और उस पर हेलीकॉप्टर से पुष्प भी बरसाये जा रहे हैैं। जहां तक यात्रा से दिल्ली-मेरठ हाईवे पर ट्रैफिक व्यवस्था बिगडऩे की बात है तो उसका भी रास्ता हमने निकाल लिया है। (तकरीबन एक हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे हेलीकॉप्टर के अंदर से नीचे गंगनहर को दिखाते हुए) हमने कांवड़ यात्रा के लिए गंगनहर की दोनों पटरियों पर हरिद्वार से गाजियाबाद तक फोरलेन की सड़क और विश्राम स्थल आदि बनाने का निर्णय किया। उत्तराखंड सरकार की एनओसी पर वहां भी यूपी सरकार अपने खर्चे से रोड बनवाएगी।

आपको ‘मोदी जी की सेना’ कहने पर चुनाव आयोग ने नोटिस दिया है?

– देश के किसी भी नागरिक का हमारी सेना कहना क्या असंसदीय है? ‘मोदी जी की सेना’ कहना कहीं से असंसदीय नहीं है और न ही चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। हम नोटिस का उत्तर देंगे।

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