BSNL कर्मचारियों ने किया VRS का विरोध,रिवाइवल के लिए की 4G स्पेक्ट्रम की मांग
बीएसएनएल कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लागू करने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। संघ ने आरोप लगाया है कि यह प्राइवेट कंपनी को सौंपने से पहले बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या को कम करने की रणनीति है।
बीएसएनएल के कर्मचारी संघ ने सरकार पर कंपनी के साथ सौतेला रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि उसने बीएसएनएल को कारोबार में इजाफे के लिए जरूरी 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन नहीं किया। संघ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने जनवरी 2018 में भरोसा दिलाया था कि बीएसएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा, लेकिन यह मामला अभी तक लंबित है।
सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए एक कैबिनेट नोट जारी किया था, हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस तरह के प्रस्ताव की व्यावसायिक व्यवहार्यता पर सवाल उठा दिए। पीएमओ ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वो बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरुद्धार के लिए एक रुपरेखा तैयार करे, जिसमें 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन, स्वैच्छिक तंत्र के माध्यम से बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या में कमी आदि शामिल हैं।
संघ ने कहा, “यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि एमटीएनएल में वीआरएस दो बार पहले लागू किया जा चुका है। लेकिन, इसने एमटीएनएल की वित्तीय स्थिति सुधारने में कोई मदद नहीं की। यह कंपनी आज गहरे वित्तीय संकट का सामना कर रही है। इसलिए, हम यह बताना चाहते हैं कि वीआरएस बीएसएनएल के वित्तीय पुनरुद्धार में कोई भी मदद करने वाला नहीं है।”