सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा खत्म कर रही है नयी पेंशन योजना

लखनऊ, 7 अप्रैल, पुरानी पेंशन योजना खत्म कर नयी योजना लाकर केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों को मिला सामाजिक सुरक्षा कवच खत्म कर दिया है।

दशकों की राजकीय सेवा करने के बाद सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना के तहत सम्मानजनक जीवन बिताने का जरिया भी छीन लिया गया है। हैरत की बात है कि कर्मचारियों के साथ हुए इस अन्याय पर देश के सभी प्रमुख राजनैतिक दल खामोश हैं। नयी पेंशन योजना के विरोध में देश भर के कर्मचारी आंदोलनरत हैं पर बेवजह के मुद्दों और जातीय व धार्मिक उन्माद में डूबे राजनैतिक दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं।

देश के प्रमुख केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने रविवार को नेशनल फेडरेशन आफ पोस्टल इंप्लाईज (एनएफपीई) की ओर से राजधानी लखनऊ के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में नयी पेंशन योजना पर आयोजित सेमीनार में बोलते हुए कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष को और तेज किया जाएगा। इस मौके पर पोस्टल विभाग में दशकों लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए जाने माने कर्मचारी नेता और एआईपीएसबीसीओईए के महासचिव कामरेड वीरेंद्र तिवारी का सम्मान भी किया गया। वीरेंद्र तिवारी का सम्मान करने वालों में आयकर विभाग, रेल डाक सेवा, भारतीय रेलवे, पोस्टल सर्विसेज, बीएसएनएल, जीएसआई, दूरदर्शन सहित तमाम केंद्रीय विभागों के कर्मचारी नेता जुटे। इनमें कर्मचारी नेता रामनिवास पराशर, गिरिराज सिंह, डीबी मोहंती, जे.पी सिंह, एसबी यादव आदि शामिल थे।

सेमिनार में बोलते हुए एनएफपीई के अध्यक्ष गिरिराज सिंह ने कहा कि यह साफ है कि जो पुरानी पेंशन योजना की बात करेगा वही देश पर राज करेगा। उन्होंने कहा कि इस राज में साधुओं को पेंशन दी जा रही पर कर्मचारियों को नहीं ये कहा का न्याय है। उन्होंने कहा कि पेंशन और जाब सिक्योरिटी ही सरकारी सेवा का सबसे बड़ा चार्म था जिसे खत्म किया जा रहा है। एनएफपीई के ही डीबी मोहंती ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि यही भाजपा ही नयी पेंशन योजना लायी थी और अटल जी के कार्यकाल में पुरानी पेंशन खत्म की गयी थी। उन्होंने कहा कि मजदूर आंदोलन ही भाजपा को हराएगा।

एनएफपीई, यूपी के सलाहकार टीपी मिश्रा ने कहा कि आज जब लैटिन अमेरिकी देशों में पुरानी पेंशन बहाली की जा रही थी तो हमारी सरकार उसे खत्म कर रही है। बीएसएनएल की बदहाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 54000 कर्मचारियों पर तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा कि चुनावों में रोजगार, शिक्षा, पेंशन पर बात न होकर युद्ध, पाकिस्तान और गाय पर बात हो रही है। मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली उनकी सबसे प्रमुख मांग है और इस चुनाव में उनकी मांग पर ध्यान न देने वालों को जवाब दिया जाएगा। सीटू के उत्तर प्रदेश महासचिव प्रेमनाथ राय ने कहा कि 1995 में एनपीएस की बात शुरु हुयी थी जिसे 2004 में साकार कर दिया गया। हम लोगों ने केरल, त्रिपुरा और बंगाल में इसका विरोध किया। त्रिपुरा में 2018 में भाजपा सरकार बनते ही पुरानी पेंशन खत्म कर दी गयी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महासचिव शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि ट्रेंड यूनियन आंदोलन को मजबूत करना होगा। पुरानी पेंशन योजना के बिना कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नही है।

कामरेड वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनकी सक्रियता जारी रहेगी और पहले से भी ज्यादा ताकत से कर्मचारी हितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब वो दूने जोश व ताकत के साथ पोस्टल कर्मियों व अन्य सभी कर्मचारियों के लिए काम करते हुए नयी पेंशन योजना के खिलाफ लड़ाई को धार देंगे। काम. तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए केंद्र व राज्य के सभी कर्मचारी साझा संघर्ष कर रहे हैं और जल्दी ही इस पर एक फैसलाकुन जंग की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाजार के दबाव में सरकारें कर्मचारियों के हितों पर लगातार कुल्हाड़ी चलाती जा रही है जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।

इस मौके पर नेशनल फेडरेशन आफ पोस्टल इंप्लाईज, लखनऊ की ओर से एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

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