जानिए आखिर क्यों इतनी कम सैलरी लेते हैं ट्विटर के CEO! जान कर आप रह …

दुनिया की दिग्गज माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने साल 2018 में कितनी कम सैलरी ली है, यह जानकर आप चौंक जाएंगे. असल में उन्होंने इस पूरे साल में सिर्फ 1.40 डॉलर (करीब 97 रुपये) की सैलरी ली है. यही नहीं, उन्होंने साल 2015 में सीईओ बनने के बाद पहली बार सैलरी ली है, यानी इसके पहले उन्होंने कोई सैलरी नहीं ली.

कंपनी ने यूएस सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को बताया है कि ट्विटर इंक के सीईओ जैक डोर्सी को साल 2018 में 1.40 डॉलर (करीब 97 रुपये) सैलरी मिली है. डोर्सी ट्विटर के को-फाउंडर भी हैं. वे कंपनी की शुरुआत के दौर में भी दो साल तक सीईओ थे, लेकिन 2008 में उन्होंने इस पद को छोड़ दिया था. साल 2015 में वह फिर से ट्विटर के प्रमुख बने. इसके बाद 2015, 2016 और 2017 में कंपनी की तरफ कोई भी सैलरी या बेनिफिट नहीं लिया. इसके अलावा उन्हें मोबाइन पेमेंट कंपनी ‘स्क्वायर’ से भी 2.75 डॉलर सालाना की सैलरी मिलती है. दिसंबर 2018 में डोर्सी ने स्क्वायर के अपने 17 लाख शेयर बेचे थे. फोर्ब्स के मुताबिक उन्हें इससे करीब 8 करोड़ डॉलर की कमाई हुई थी. फिलहाल उनका कुल नेटवर्थ करीब 4.7 अरब डॉलर का है, जिसमें करीब 3.9 अरब डॉलर मूल्य के स्क्वायर के 6.1 करोड़ शेयर भी शामिल हैं. ट्विटर के भी डोर्सी के पास करीब 60 करोड़ डॉलर मूल्य के शेयर हैं. उन्होंने इसके कोई शेयर नहीं बेचे हैं, जबकि ट्विटर के दूसरे को-फाउंडर इवान विलियम्स ने अप्रैल 2018 से अब तक अपने पास मौजूद ट्विटर के करीब 50 फीसदी शेयर बेच दिए या दान कर दिए हैं.हालांकि डोर्सी अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो 1 डॉलर के आसपास की सैलरी लेते हों. फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, ओरेकल के लैरी एलिसन और गूगल के लैरी पेज एवं सर्जे ब्रिन भी साल में एक डॉलर की सैलरी लेते हैं. साल 2012 में मार्क जुकरबर्ग ने सालाना सैलरी और बोनस के रूप में 7.70 लाख डॉलर लिए थे, अब वह सबसे कम वेतन हासिल करने वाले फेसबुक कर्मचारी हैं.

एक डॉलर सैलरी क्यों लेते हैं बड़े अधिकारी

अमेरिकी कंपनियों के बड़े अधिकारियों में प्रतीकात्मक रूप में एक डॉलर के आसपास की सैलरी लेने का रिवाज चल पड़ा है. असल में उनकी शेयरों से या अन्य तरीकों से इतनी कमाई होती है कि वे सैलरी न लेकर कंपनी के कर्मचारियों को अच्छा संदेश देना चाहते हैं.  इसलिए प्रतीकात्मक रूप से वे एक डॉलर की सैलरी लेते हैं. 19वीं सदी की शुरुआत में जब जंग का माहौल था, तब भी अमेरिकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने एक डॉलर का वेतन लेने का चलन शुरू किया था. इतनी कम सैलरी लेने से यह संकेत मिलता है कि सीईओ अपना पूरा ध्यान कंपनी के शेयरों के मूल्य बढ़ाने पर लगाएगा, क्योंकि उसको कमाई इन शेयरों से ही होती है.

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