डेबिट-क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी : बचना चाहते है तो उठाएं ये कदम
देश में बढ़ते ऑनलाइन लेनदेन के साथ धोखाधड़ी के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दुकानों से पीओएस मशीन के अलावा ई कॉमर्स साइटों, मोबाइल वॉलेट, भीम एप से लेनदेन करने वाले ग्राहक हमेशा आशंकित रहते हैं कि कहीं उनके कार्ड की संवेदनशील जानकारी कहीं लीक न हो जाए। ऐसे में कुछ डेबिट-क्रेडिट कार्डधारक कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं, जिनसे बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। प्लास्टिक मनी से रोजाना खर्च की सीमा तय करने में इसमें सबसे महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कार्ड पर रोजाना खर्च की सीमा तय करना सुरक्षा का अतिरिक्त उपाय है, क्योंकि 95 फीसदी कार्डधारक कभीकभार ही बड़ा खर्च करते हैं। अगर किसी दिन कोई बड़ी राशि खर्च करनी भी हो तो कस्टमर केयर को कॉल करके या नेटबैंकिंग के जरिये लिमिट में बदलाव भी कर सकते हैं। कुछ बैंक कार्ड पर खर्च बंद करने या चालू करने के लिए स्विच ऑन या स्विच ऑफ का बटन भी कार्ड पर देते हैं।
ITR नहीं होगा ‘सहज’ पर रिफंड मिल सकेगा जल्दी
आप अपने कार्ड पर जरूरत और खर्च के अनुसार पांच-दस या 50 हजार जैसी कोई लिमिट लगा सकते हैं। इस लिमिट के ऊपर कोई लेनदेन आप करेंगे तो वह भुगतान फेल हो जाएगा, ऐसे में लिमिट का फैसला सोच समझकर करें। इसका फायदा यह होगा कि अगर कहीं आपके कार्ड की डिटेल लीक हुई है तो हैकर या धोखाधड़ी करने वाला ज्यादा बड़ी रकम नहीं निकाल पाएगा। अगर उसे आपके कार्ड की लिमिट से ज्यादा का एकमुश्त लेनदेन किया है तो वह भी नाकाम हो जाएगा और समय रहते एसएमएस मिलते ही आप कार्ड को ब्लॉक करा सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय लेनदेन भी ब्लॉक करना संभव
कई बार विदेश में किसी अनाम जगह से आपके कार्ड डिटेल के जरिये लेनदेन हो जाता है। ऐसे में आप चाहें तो केवल दूसरे देश से हुए लेनदेन की सुविधा को भी बंद करा सकते हैं। बैंक या वित्तीय संस्थान आपको इसकी सुविधा देते हैं। या फिर अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर भी लिमिट तय कर सकते हैं।
ये तीन तरीके
1. नेटबैंकिंग
नेटबैंकिंग में अपना अकाउंट लॉगइन करें
कार्ड ऑप्शन में जाकर डिटेल दर्ज कराएं
कार्ड की लिमिट को अंकों में दर्ज करें
विदेश से लेनदेन को बंद करने का विकल्प भी होगा
2. फोन बैंकिंग
आप फोन बैंकिंग यानी संबंधित बैंक के कस्टमर केयर को कॉल करके भी लिमिट तय करा सकते हैं।
3. कार्ड पर ऑन-ऑफ का बटन
कुछ बैंक प्रीमियम कार्ड पर खर्च को चालू करने या बंद करने का विकल्प देते हैं, जो बेहद आसान होता है।
ऐसे हो रही धोखाधड़ी
किसी मॉल या दुकान में कार्ड की डिटेल की स्कैनिंग होना
एटीएम में स्किमिंग के जरिये डेबिट कार्ड की डिटेल चुरा लेना
किसी को गलती से पिन, पासवर्ड या दूसरी जानकारी दे देना
फर्जी कॉल पर कार्ड के ओटीपी, पिन आदि का ब्योरा दे देना
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बढ़ती प्लास्टिक मनी
99.80 करोड़ डेबिट कार्डधारक हैं देश में
04 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्डधारक हैं
लेनदेन बढ़े
28.31 करोड़ लेनदेन हुए डेबिट कार्ड के जरिये
13.59 करोड़ लेनदेन क्रेडिट कार्ड के जरिये हुए
पीओएस मशीनें
3.45 करोड़ पीओएस मशीनें देश में सक्रिय
50,684 करोड़ का लेनदेन पीओएस मशीनों से