उत्तराखंड में अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए परिवहन विभाग ने कमर कस ली
प्रदेश में चारधाम यात्रा के लिए जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो गए हैं। यात्रा को सुचारु चलाने के लिए छह स्थानों पर अस्थायी चेकपोस्ट बनाई जाएंगी। अवैध या बिना ग्रीन कार्ड संचालित होने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। चेकिंग के लिए प्रवर्तन दलों की संख्या बढ़ाई जाएगी, इसके लिए आउटसोर्सिंग पर होमगार्ड से जवान लिए जाएंगे।
प्रदेश में अगले माह यानी मई के पहले पखवाड़े में चारों धाम के कपाट खुलने हैं। इसके तहत सात मई को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलने हैं। नौ मई को केदारनाथ और 10 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे। ऐसे में यात्रा एक मई से शुरू हो जाएगी।
यात्रा के दौरान अवैध वाहनों के संचालन पर नजर रखने और सुचारु यातायात के लिए विभाग छह स्थानों पर अस्थायी चेकपोस्ट खोलेगा। यह चेकपोस्ट देहरादून मसूरी मार्ग के कुठालगेट, उत्तरकाशी के डामटा, ऋषिकेश-श्रीनगर मार्ग के तपोवन व भ्रदकाली के अलावा रुदप्रयाग और बदरीनाथ में भी ये चेकपोस्ट खोली जाएगी। यह सभी एक मई से सक्रिय हो जाएंगी।
सुरक्षित यात्रा के लिए वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाने का काम शुरू हो चुका है। यह कार्ड वाहनों की फिटनेस और उनके सभी कागजात चेक करने के बाद जारी होते हैं। इस दौरान अवैध वाहनों का संचालन न हो, इसके लिए पूरे यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त प्रवर्तन यानी चेकिंग करने के लिए दस्ते लगाए जाएंगे। विभाग के पास अभी कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में होमगार्डस को आउटसोर्सिंग के जरिये लिया जाएगा। हरिद्वार व ऋषिकेश में इस दौरान विशेष चेकिंग की जाएगी।
अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह ने कहा कि चारधाम यात्रा को सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए विभागीय तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एक मई से यात्रा मार्ग पर अस्थायी चेकपोस्ट शुरू कर दी जाएंगी और प्रवर्तन कार्यों में भी तेजी ला जाएगी।
चल रहा मार्ग पर सर्वे का काम
परिवहन विभाग चार धाम यात्रा मार्गों पर सर्वे का कार्य भी करा रहा है। इसके तहत यह देखा जा रहा है कि यात्रा मार्ग पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र कहां-कहां पर है। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी ताकि यात्रा के दौरान इन स्थानों पर विशेष नजर रखी जा सके।
केदारनाथ मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का कार्य शुरू
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों ने केदारनाथ मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। मंदिर परिसर में अभी चार फीट से अधिक बर्फ जमी है, जिसे हटाने में दस दिन का समय लग सकता है। वहीं, मंदिर समिति की आवासीय कॉलोनी को बर्फबारी से भारी नुकसान पहुंचने के कारण कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था किराये के कमरों में की जाएगी।
यात्रा व्यवस्थाएं जुटाने के लिए मंदिर समिति का 43-सदस्यीय दल बीती 14 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था। सोमवार से इस दल ने मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया। मंदिर समिति के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर सिंह ने बताया कि परिसर से बर्फ हटाने के बाद दल साफ-सफाई, रंग-रोगन, मंदिर व मंदिर कॉलोनी में विद्युत व पेयजल व्यवस्था सुचारु करने का कार्य करेगा।
दल में चिकित्सक लोकेंद्र रिवाड़ी, अवर अभियंता विपिन कुमार, आशुतोष शुक्ला, कन्हैया थपलियाल, अवनीश रावत, जगमोहन पवार, मदन धर्मवाण, राकेश डिमरी, शिशुपाल बजवाल, सुरक्षा गार्ड राजेंद्र नौटियाल आदि शामिल हैं।
विदित हो कि शीतकाल के दौरान हुई अत्याधिक बर्फबारी से मंदिर समिति की आवासीय कॉलोनी व कार्यालय को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में समिति के पास अब रहने, कार्यालय व अन्य कार्यों के लिए किराये पर भवन लेने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। किराये के भवन लेने के लिए संपर्क किया जा रहा है।
चारधाम यात्रा को केंद्र से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चारधाम यात्रा के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग के साथ ही एम्स के माध्यम से कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है। उन्होंने यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एयर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने को भी केंद्र से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा की। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में सचिव भारत सरकार प्रीति सूदन से मुलाकात के दौरान राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के संबंध में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हें। यात्रा के दौरान चार धाम मार्गो में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। वर्ष 2021 में होने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाई गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मिलने वाले फ्लेक्सी फंड को बढ़ाने का भी अनुरोध किया।
इसके साथ ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के लिए भी केंद्र से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में 75 फीसद से अधिक फैकल्टी है। यह स्वास्थ्य सुविधाओं के मद्देनजर बेहद सुखद स्थिति है। ऋषिकेश में एम्स के विस्तार को एनओसी मिलने से उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर होंगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर की स्थिति को मजबूत करना जरूरी है। अटल आयुष्मान योजना में चिह्नित परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए पब्लिक सेक्टर को मजबूत करने की जरूरत है। इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, निदेशक एनएचएम, युगल किशोर पंत और अपर निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी आदि उपस्थित थे।