चीखी अपूर्वा शुक्ला- हां-हां, मैंने ही रोहित को मारा है
कत्ल वाले रोज़ रोहित जब उत्तराखंड से दिल्ली लौट रहा था. तब वीडियो कॉलिंग के ज़रिए अपूर्वा ने रोहित को एक महिला रिश्तेदार के साथ कार में शराब पीते देखा. बस यहीं से झगड़ा शुरू हुआ. प्रापर्टी का झगड़ा पहले से ही था. हालांकि अपूर्वा का कहना है कि रोहित का कत्ल अचानक हो गया था.
पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता, मुख्यमंत्री और राज्यपाल एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत की पहेली आखिरकार सुलझ गई. कातिल के तौर पर घर से जो चेहरा सामने आया है वो कोई और नहीं बल्कि रोहित की उसी पत्नी अपूर्वा शुक्ला तिवारी का है, जिससे दस महीने पहले ही रोहित की शादी हुई थी. 15 अप्रैल य़ानी कत्ल वाले रोज़ रोहित जब उत्तराखंड से दिल्ली लौट रहा था. तब वीडियो कॉलिंग के ज़रिए अपूर्वा ने रोहित को एक महिला रिश्तेदार के साथ कार में शराब पीते देखा. बस यहीं से झगड़ा शुरू हुआ. प्रापर्टी का झगड़ा पहले से ही था. हालांकि अपूर्वा का कहना है कि रोहित का कत्ल अचानक हो गया था.
10 अप्रैल 2019, डिफेंस कालोनी, नई दिल्ली
रोहित शेखर तिवारी अपनी मां उज्जवला शर्मा, एक महिला रिश्तेदार, नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश के साथ अपनी कार में उत्तराखंड के लिए रवाना होता है. उत्तराखंड में पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को वोटिंग थी. रोहित और उसकी मां का वोट उत्तराखंड के काठगोदाम इलाके में था. काठगोदाम में पांच दिन रुकने के बाद सभी वापस दिल्ली लौटते हैं, रोहित पूरे रास्ते कार में शराब पी रहा था. चूंकि सफर लंबा था लिहाज़ा दिल्ली पहुंचते-पहुंचते वो काफी ज्यादा नशे में हो चुका था.
15 अप्रैल 2019, डिफेंस कालोनी, दिल्ली
करीब सात-आठ घंटे के सफर दे बाद रात सवा दस से साढ़े दस बजे के दरम्यान रोहित और उसका परिवार घर पहुंचते हैं. घर आने के बाद रोहित रात करीब 11 बजे अकेले खाना खाता है और अपने कमरे में चला जाता है. इसके बाद रोहित की मां, बड़ा बाई सिद्धार्थ, पत्नी अपूर्व और घर के नौकर वगैरह भी खाना खाते हैं. खाना खाने के बाद रोहित की मां तिलक लेन के अपने घर चला जाती हैं. महिला रिश्तेदार भी साथ चली जाती है.
मां के जाने के बाद भाई सिद्धार्थ और नौकर, ड्राइवर भी अपने-अपने कमरे में चले जाते हैं. घर में की पहली मंजिल पर कोई कैमरा नहीं था. रोहित का कमरा वहीं था. तब वहां रोहित के अलावा सिर्फ तीन लोग थे. अपूर्वा, रोहित का नौकर गोलू और ड्राइवर अखिलेश. गोलू और अखिलेश को रोहित ने नौकरी पर रखा था. इन दोनों का परिवार रोहित की सैलरी पर ही पलता था.
रात करीब 12.45 बजे अपूर्वा रोहित के कमरे में जाती है. वो रोहित के कमरे में जाने वाली आखिरी शख्स थी. रोहित बुरी तरह नशे में था. कमरे में रोहित और अपूर्वा के बीच झगड़ा होता है. झगड़ा इस बात पर भी था कि रोहित महिला रिश्तेदार के साथ शराब क्यों पी रहा था. इसी झगड़े के दौरान अपूर्वा ने गुस्से में तकिए से रोहित का गला, मुंह और नाक जोर से दबा दिया. चूंकि रोहित शाम से ही शराब पी रहा था और इस कदर में नशे में था कि अपना बचाव नहीं कर सका.
अपूर्वा ने जिस तरह से रोहित का गला, मुंह और नाक दबाया था उसे उसी वक्त पता चल गया था कि रोहित मर चुका है. इसके बाद वो रोहित के कमरे से निकल कर अफने कमरे में चली जाती है. जिस वक्त रोहित का गला घोंटा गया था रात रात के करीब एक बज रहे थे.
रोहित को नींद ना आने की बीमारी थी. वो अक्सर पूरी-पूरी रात जागा करता था. और दिन में हमेशा देर तक सोता था. लिहाज़ा अगले दिन जब सुबह से दोपहर और फिर शाम के चार बजे तक वो नहीं उठा तो घर में किसी को भी ज़रा सा भी शक नहीं हुआ कि रोहित क्यों नहीं जाग रहा है.
लेकिन डिफेंस कालोनी के इस घर में एक शख्स थी, जिसे मालूम था कि रोहित अब कभी नहीं उठेगा. जो जानती थी कि रोहित के कमरे में रोहित नहीं बल्कि उसकी लाश है. पर वो भी इंतजार कर रही थी कि ये खबर कोई और दे. आखिरकार शाम चार बजे रोहित का नौकर गोलू पहली बार ये ख़बर सबको देता है और रोहित की मौत के बारे में सबको पता चल जाता है. और जब पुलिस मामले की तहकीकात करती हुई अपूर्व से पूछताछ कर रही थी तो वह चीखकर बोली- हां मैंने ही रोहित को मारा है.