कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता पर फिर विवाद खड़ा हो गया

दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर गृह मंत्रालय की ओर से राहुल गांधी को नोटिस जारी किया गया है। राहुल गांधी को अगले 15 दिन में इस नोटिस का जवाब देना है। नोटिस में राहुल गांधी से पूछा गया है कि दोहरी नागरिकता के आरोपों पर उनका क्‍या कहना है? हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा उठा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी स्‍वामी ने राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने का दावा किया है। इसलिए ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर नोटिस जारी किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी के खिलाफ दोहरी नागरिकता का मुद्दा अमेठी के निर्दलीय प्रत्याशी ध्रुव राज ने उठाया था। उनका कहना था कि ब्रिटिश कंपनी पांच साल अस्तित्व में रही थी और उसने कुछ मुनाफा कमाया होगा, लेकिन राहुल के हलफनामे में उसका जिक्र नहीं है। इसके बाद भाजपा ने भी पूछा कि 2004 में दिए चुनावी हलफनामे के अनुसार राहुल गांधी ने किस कंपनी में निवेश किया था?

नरसिम्हा राव ने ही दावा किया कि इस कंपनी का नाम बैकप्स लि. है और यह लंदन में रजिस्टर्ड है। क्या राहुल इसके निदेशक थे? उक्त कंपनी द्वारा ब्रिटिश सरकार को दिए गए दस्तावेजों, जिनमें मेमोरेंडम ऑफ एसो. व 31 अगस्त, 2005 की अवधि के सालाना रिटर्न में साफ कहा गया है कि राहुल ब्रिटेन के नागरिक थे। यदि राहुल ब्रिटेन के नागरिक थे, तो वह भारतीय नागरिकता कानून 1955 के तहत स्वतः भारतीय नागरिकता खो चुके होंगे। इस कानून में प्रावधान है कि दूसरे देश की नागरिकता लेते ही भारत की नागरिकता समाप्त हो जाती है।

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा उठने से भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। भाजपा नेता चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा उठाते है, तो कोई आश्‍चर्य नहीं होगा। 

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