वरूथिनी एकादशी पर जरूर गाये यह दो भजन

आज वरूथिनी एकादशी है और इस दिन रात के समय भजन गाने से बहुत लाभ होता है और भगवान खुश हो जाते हैं. तो आइए आज हम आपको बताते हैं दो भजन.  

1.  कथा ग्यारस की सुन लो जी बातों को कर लो बंद, कथा ग्यारस की सुन लो जी ।।2।। 

बिना पुत्र का बाप, खेतों में रोवेजी।मेरे हका हुआ है खेत, पुत्र बिना कौन जोतेजी।। बातों को… बिना भाई का भाई, पंचों में रोवे जी।मेरे भाई बिना कौन, न्याय चुकावे जी।। बातों को… बिना बहिन का भाई, राखी पे रोवे जी।सूनी पड़ी कलाई बहिन बिना, कौन राखी बांधेजी।। बातों को…बिना भाई की बहिन, मण्डप में रोवेजी।मेरा सूना पड़ा है मण्डप, भाई बिना कौन पहनावेजी।। बातों को… बिना पति की नार, सेजों पर रोवेजी।मेरी सूनी पड़ी है सेज, पति बिना कौन सवावेजी।। बातों को…

   2. राती जगा को आयो रे बुलावो, राती जगा में कौन जावे री बहू,म्हारे बरत बड़ो एकादशी को।।2।। 

राती जगा में थें ही जाओ म्हारी सासू, मैं तो मंदिर जावां जी।। म्हारे बरत…राती जगा में मीठी-2 लापसी थें ही खाओ सासू, मैं तो म्हाको जनम सुधारांजी।म्हारे बरत… इन्द्रासन स आई रे पालकी, सासूजी के अंगना में उतरी जी।म्हारे बरत… सासू-ननदां टक-2 देखे, देरानी-जेठानी टक-2 देखे,पास-पड़ोसन टक-2 झांके, बहू बैकुंठ चाली ओ राम।म्हारे बरत… थे कई देखो म्हारी सासू-ननदां, थें कई देखो म्हारी देरानी-जेठानी।थें कई झांकों म्हारी पास-पड़ोसन, करनी पार उतरनी ओ राम।।म्हारे बरत…

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