शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

आज शनिश्चरी अमावस्या है. आइए जानते हैं शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए.

शास्त्रों में शनि को हमारे कर्म का और न्याय का देवता माना गया है. हमारे सभी अच्छे या बुरे कर्मों के पीछे शनि का ही हाथ होता है. शनि देव  का रंग श्याम वर्ण हैं और अमावस्या की रात भी काली होती है इसलिए शनि को बेहद प्रिय है. हमारे सभी अच्छे या बुरे कर्मों पर  शनि का नियंत्रण होने से महत्वता बढ़ जाती है. शनि यदि कुंडली मे तुला राशि या उत्तम भाव में हैं तो इंसान को बहुत कम समय मे बड़ी सफलता दिलाता है.  ऐसे वयक्ति को कम उम्र में ही मान सम्मान के साथ-साथ धन की प्राप्ति होती है तथा व्यक्ति हमेशा सही रास्ते पर रहता है.

शनिश्चरी अमावस्या पर पितरों को कैसे प्रसन्न करें-

– शनिश्चरी अमावस्या के दिन स्नान करके साफ वस्त्र पहनें.

– घर के रसोई घर को साफ कर के शुद्ध भोजन के साथ खीर अवश्य बनाएं.

– घर की दक्षिण दिशा में मुंह कर के पितरों से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगे और यह भोजन किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें.

– गाय को हरा चारा अवश्य खिलाएं तथा पीपल के नीचे पितरों के नाम से भोजन रखें.

– पितरों के नाम से शाम तक दवाई, वस्त्र, भोजन का दान करें.

– ऐसा करने से पारिवारिक कलह क्लेश तथा व्यापार से सम्बंधित समस्याएं खत्म होंगी.

शनिश्चरी अमावस्या पर शनि की कृपा कैसे मिलेगी-

– शनि की कृपा पाने के लिए हमेशा अच्छे कर्म करें और गलत काम से परहेज करें

– शनि की कृपा पाने के लिए मजदूरों, निर्धन व्यक्तियों और बीमार लोगों की मदद करें

– शनिवार के दिन व्रत रखें या शुद्ध और सात्विक खाना खाएं.

– व्रत में दूध, फल, लस्सी आदि का सेवन कर सकते हैं.

– उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर शनि देव को भोग लगाएं.

– शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दिया जरूर जलाएं.

– पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें.

– शनि के मंत्र ॐ शं शनिश्चराय नमः का जाप सूर्यास्त के बाद करें.

– नौकरी तथा स्वास्थ्य की समस्या खत्म होंगी.

शनि को प्रसन्न करने के लिए क्या दान करें-

– शनि को प्रसन्न करने के लिए काला वस्त्र, काले तिल, काली उड़द, लोहे के बर्तन, छतरी, जूते, सरसों का तेल, सरसों के तेल का बना भोजन जरूरतमंद लोगों को शाम के समय दान करें

शनि को प्रसन्न करने का महाउपाय-

– प्रतिदिन शनि की सूर्यास्त के बाद ही पूजा करें.

– शाम को हनुमान जी और भैरव जी के दर्शन करें.

– हनुमान चालीसा या शनि चालीसा का पाठ करें.

–  पीपल के वृक्ष की के नीचे शनि के दस नामों का पाठ करें.

– ऐसा कुछ दिन लगातार करने से शनिदेव की कृपा से हर कार्य बनने लगते हैं.

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