अब US जाना हो जाएगा मुश्किल, अमेरिका बदलेगा ‘ग्रीन कार्ड’ के नियम 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश की आव्रजन नीति (नागरिकता लेने के नियम) में बदलाव लाने की तैयारी में है। इसके लिए योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली का प्रस्ताव जल्द पेश करेंगे। नए नियम लागू होने पर अमेरिका में सिर्फ कुशल पेशवरो को ही नागरिकता पाने के लिए ग्रीन कार्ड मिलेगा।

मौजूदा आव्रजन व्यवस्था के अमेरिका में पारिवारिक संबंधों को तरजीह दी जाती है। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी का कहना है कि राष्ट्रपति चाहते हैं कि अमेरिका में आने वाले अप्रवासी में नेल्सन मंडेला जैसी अद्भुत क्षमताएं होनी चाहिए। डॉक्टर ऐसा हो, जिसके पास कैंसर का उपचार हो तो वैज्ञानिक में मंगल ग्रह पर सबडिवीजन बनाने की क्षमता होनी चाहिए।

ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर की यह नई योजना मुख्य रूप से सीमा सुरक्षा को मजबूत करने और ग्रीनकार्ड तथा वैध स्थायी निवास प्रणाली को दुरुस्त करने पर केंद्रित है। जिससे योग्यता, उच्च डिग्री धारक और पेशेवेर योग्यता रखने वाले लोगों के लिए आव्रजन प्रणाली को सुगम बनाया जा सके।

मौजूदा व्यवस्था के तहत करीब 66 फीसद ग्रीन कार्ड उन लोगों को दिया जाता है जिनके पारिवारिक संबंध हों और सिर्फ 12 फीसद ही योग्यता पर आधारित है। हालांकि इस योजना को अमलीजामा पहनाना कांग्रेस के विभाजित होने से मुश्किल भरा काम होने वाला है। 

देश के अर्थव्यस्था मजबूत करने का इरादा
ट्रंप मेरिट आधारित वीजा के जरिये पूरी दुनिया के उच्च-कुशल लोगों को ही अमेरिका में काम करने की अनुमति देने की तैयारी में हैं। ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता था कि जो भी देश में आना चाहते हैं, उनकी राष्ट्रीयता, धर्म, रंग आदि छोड़कर उनकी कुशलता को देखा जाएं। इसका उद्देश्य अमेरिका को कुशल पेशवेर देकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। 

3 लाख से ज्यादा भारतीय ग्रीन कार्ड के इंतजार में..
यूएससीआईएस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल- 2018 तक रोजगार आधारित प्राथमिकता श्रेणी के तहत 306,601 भारतीय ग्रीन कार्ड पाने की कतार में थे। इनमें अधिकांश आईटी पेशेवर थे। भारत के अलावा 67,031 चीनी नागरिक ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि किसी भी अन्य देश के ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे लोगों की संख्या 10,000 से अधिक नहीं है। 

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