AC 10th Result 2019: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने गुरुवार को मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया। इस बार का रिजल्ट 70.77 प्रतिशत रहा, पिछली बार की तुलना में 11 प्रतिशत रिजल्ट में बढ़ोतरी हुई है। हजारीबाग इंदिरा गांधी बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा प्रिया राज 99.20 प्रतिशत के साथ स्टेट टॉपर बनी।

नेतरहाट आवासीय विद्यालय के अमरेश कुमार 99 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहें। तीसरे स्थान पर नेतरहाट के अमन कुमार और गोपाल सिंह 98.40 प्रतिशत अंक के साथ रहें। पलामू का सबसे बेहतर 79.74 रिजल्ट रहा। गिरिडीह 79.17 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा। राजधानी रांची छठे स्थान पर रहा। जामताड़ा 52.54 प्रतिशत के साथ सबसे अंतिम पायदान में रहा। इस वर्ष कुल 1.28 लाख बच्चे असफल रहें।
JAC 10th Topper List
रैंक 1- प्रिया राज, हजारीबाग इंदिरा गांधी बालिका उच्च विद्यालय- 99.20 प्रतिशत मार्क्स
रैंक 2- अमरेश कुमार, नेतरहाट आवासीय विद्यालय- 99 प्रतिशत मार्क्स
रैंक 3- अमन कुमार और गोपाल सिंह- 98.40 प्रतिशत अंक
इससे पहले जैक अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने ऑनलाइन रिजल्ट जारी करते हुए कहा कि पिछले वर्ष से काफी बेहतर रिजल्ट हुआ है। परीक्षार्थियों के लिए मॉडल प्रश्न पत्र डाला गया, जिससे उन्हें काफी लाभ मिला। उन्होंने बताया कि परीक्षा में 4.38 लाख बच्चे बैठे थे, इसमें 3.10 लाख बच्चों ने सफलता हासिल की। 3349 बच्चे परीक्षा से अनुपस्थित रहें। रिजल्ट जारी करने के समय जैक उपाध्यक्ष फूल सिंह, जैक सचिव कल्पना वर्मा व नवल किशोर, आईटी हेड कुणाल प्रताप सहित अन्य मौजूद थे।
लड़कों ने लड़कियों को पीछे किया :
मैट्रिक के परिणाम में इस बार लड़कों ने बाजी मारी है। लड़कों की सफलता का प्रतिशत 72.99 रहा। जबकि लड़कियों के सफलता का प्रतिशत 68.67 प्रतिशत रहा। कोटिवार के हिसाब से सबसे ज्यादा संख्या सामान्य जाति के बच्चों की रही। सामान्य जाति से 2.29 लाख बच्चों ने परीक्षा दी।
1.28 लाख बच्चे हुए फेल :
मैट्रिक की परीक्षा में सूबे से 1,28,098 बच्चे इस बार असफल रहें। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 45 हजार ज्यादा बच्चे सफल रहें। 2018 में 1.75 लाख बच्चे असफल रहे थे। तृतीय श्रेणी में भी इस बार 16389 बच्चे शामिल हैं, जबकि पिछली बार यह आंकड़ा 35 हजार से अधिक था। जैक अध्यक्ष ने बताया कि हर जिले में लगातार शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया था कि कैसे स्टेप मार्किंग पर ज्यादा ध्यान दे, जिसका फायदा दिख रहा है।
आंकड़ों में :
परीक्षा में शामिल – 4,38,256
परीक्षा में उत्तीर्ण – 3,10,158
असफल – 1,28,098
प्रथम श्रेणी – 1,67,916
द्वितीय श्रेणी – 1,25853
तृतीय श्रेणी – 16389