जोर पकड़ रहा पश्तून आंदोलन पाकिस्तान में, पत्रकार गौहर वजीर की रिहाई की मांग

 न्यू यॉर्क स्थित प्रेस वालों की समिति ने पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान से हिरासत में लिए गए पत्रकार गौहर वजीर को तत्काल रिहा करने की अपील की है। गौहर को इसी हफ्ते पाकिस्तानी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है। दुनियाभर की कई संस्थाएं पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीए) में भाग लेने को आधार बनाकर पत्रकार की गिरफ्तारी की खिलाफत कर रही हैं। 

उत्तरी वजीरिस्तान सीमावर्ती क्षेत्र है और खैबर पख्तूनख्वा के अंतर्गत यह क्षेत्र आता है। अफगानिस्तान से लगे इस क्षेत्र में पश्तूनों की अच्छी आबादी है। गत वर्ष हुए चुनाव में इमरान खान की पार्टी ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान में पश्तूनों की जनसँख्या (15%) है और यह देश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक जनसँख्या है।

पाकिस्तान प्रशासन का पश्तूनों के आंदोलनों को लेकर हमेशा से ही सख्त रवैया रहा है। पश्तून कार्यकर्ता इस क्षेत्र में मानव अधिकारों के हनन का आरोप लगाते रहे हैं। पाकिस्तान इस क्षेत्र में होनेवाले आंदोलनों के लिए अफगान और भारतीय इंटेलिजेंस को जिम्मेदार बताता रहा है। पाकिस्तान ऐसे ही आरोप बलूचिस्तान के लिए भी लगाता है।

तालिबान को समाप्त करने के हवाले से पाक सेना की सैन्य कार्रवाई में कई पश्तूनों के मारे जाने की खबरें भी मीडिया में आई हैं। 

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