ICC का कैलकुलेशन हुआ फेल, टीमें भुगत रहीं खामियाजा
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप शुरू हुए 15 दिन हो गए हैं, लेकिन अब भी वह रंग नहीं जमा है, जिसके लिए इसका इंतजार रहता है. इसकी सबसे बड़ी वजह बारिश है. बारिश ने इस वर्ल्ड कप में रंग में भंग डालने का काम किया है. अब तक शुरुआती 18 मैचों में से चार मैच बारिश की भेंट चढ़ चुके हैं. यानी करीब-करीब हर चौथा मैच पानी में बह गया. जैसी आशंका थी, वैसा ही हो रहा है. दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमी वर्ल्ड कप के इस कार्यक्रम को लेकर आईसीसी को दोषी बता रहे हैं. एक ही सवाल घूम-घूमकर सामने आ रहा है कि जून में वर्ल्ड कराया ही क्यों?
तो क्या सचमुच आईसीसी ही वर्ल्ड कप में रंग में भंग पड़ने का जिम्मेदार है. शायद यह मानना ज्यादती होगी. दरअसल, जून ब्रिटेन में बारिश खत्म होने का महीना होता है. इस महीने में इतनी बारिश की संभावना नहीं रहती, जितनी इस बार हो रही है. आईसीसी ने मौजूदा वर्ल्ड कप का शेड्यूल बनाने से पहले पिछले 5 साल की वेदर रिपोर्ट भी देखी थी. उम्मीद तो यह थी कि एक-दो मैच बारिश से प्रभावित तो होंगे, लेकिन रद्द नहीं होंगे. बहरहाल, आईसीसी मौसम से गच्चा खा गया.
दैनिक भास्कर ने इंग्लैंड में बारिश के बारे में बीबीसी के हवाले से एक रिपोर्ट छापी है. इसके अनुसार, जून ब्रिटेन में साल का तीसरा सबसे सूखा महीना होता है. पिछले साल जून में सिर्फ 2 मिमी बारिश हुई थी. लेकिन पिछले 24 घंटों में ही इंग्लैंड के दक्षिण-पश्चिम इलाके में 100 मिमी तक बारिश हो चुकी है. यानी पिछले साल की तुलना में 50 गुना ज्यादा बारिश हो चुकी है.
मौसम विभाग ने इंग्लैंड में अगले चार दिन भी बारिश होने की संभावना जताई है. यानी, 16 जून को मैनचेस्टर में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच में भी बारिश का खलल पड़ सकता है. इससे टीमों की प्रैक्टिस भी प्रभावित हो रही है. इंग्लैंड की टीम ने तो गुरुवार को इनडोर प्रैक्टिस की.
रिकॉर्ड बुक की बात करें तो यह वर्ल्ड कप इतिहास में पहला मौका है, जब तीन मैच रद्द हुए हैं. यह 44 साल के वर्ल्ड कप में सबसे अधिक है. साल 1992 और 2003 वर्ल्ड कप में दो-दो मैच रद्द हुए थे. वैसे, इस वर्ल्ड कप में चार मैच बारिश से धुल चुके हैं. इनमें से तीन रद्द और एक अनिर्णीत है. बता दें कि रद्द मैच उन्हें कहा जाता है, जिनमें एक भी गेंद ना फेंकी जा सके. अनिर्णीत मैच वे हैं, जो शुरू तो हुए, लेकिन बिना नतीजे के खत्म हो गए.