भारत में बदलेगी साक्षरता की व्याख्या? 10वीं पास ही कहलाएगा साक्षर!
जिस व्यक्ति ने दसवीं पास किया है उसे साक्षर मानना चाहिए और अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए साक्षरता की व्याख्या नई तरीक़े से करने होगी ऐसा सुझाव महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुगंतीवार ने प्री बजट मीटिंग में निर्मला सीतारमन के सामने रखा है.
निर्मला सीतामरण ने की राज्य के वित्त मंत्री से मुलाकात
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की मीटिंग ली. इसमें राज्य की क्या क्या अपेक्षा हैं और अर्थव्यवस्था को कैसे मज़बूत किया जाए इस पर चर्चा हुई. इसमें शामिल हुए महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने साक्षरता की व्याख्या बदलने की मांग रखी.
जी मीडिया संवाददाता ने की खास बातचीत
इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तृत रूप से जानना चाहा. जी मीडिया के संवाददाता ने जब मुगंतीवार से पूछा तो उन्होंने कहा, अमेरिका और बाक़ी देशों का ह्युमन इंडेक्स अच्छा है. साक्षरता की जानकारी होने के वजह से नियोजन करने में सहजता आती है और हमारी ख़ामियों की जानकारी भी स्पष्ट हो पाती है. उन्होंने कहा, हमें 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ये क़दम उठाने पड़ेंगे.
सिर्फ नाम लिखना और पढ़ना ही साक्षरता नहीं
साक्षरता की व्याख्या कैसे बनाई जाए इस पर मुगंतीवार ने कहा, अभी जिसको सिर्फ नाम लिखना और पढ़ना आता है उसे साक्षर कहा जाता है यह प्रक्रिया बंद करनी होगी. जो व्यक्ति 10वीं पास है उसे ही साक्षर कहा जाना चाहिए. मुगंतीवार का सुझाव वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने सुना है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. सरकार इस सुझाव पर किस तरह से काम करेगी ये देखना होगा. लेकिन अगर सरकार ने साक्षरता की व्याख्या बदल दी तो यह बहुत ही बड़ा निर्णय होगा. इसका असर हर क्षेत्र पर होगा.