लखनऊ के 60 फीसदी थानों में क्षत्रिय या ब्राह्मण समुदाय के लोग
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सपा के ‘यादववाद’ और मायावती के ‘जाटववाद’ के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक लड़ती रही है. अखिलेश सरकार में नियुक्तियों पर सवाल खड़े करने से लेकर पुरस्कार वितरण तक में जातिवाद का इल्जाम बीजेपी लगाती रहती थी, लेकिन अब योगी सरकार उसी राह पर है. लखनऊ के 60 फीसदी थानों की जिम्मेदारी क्षत्रिय या ब्राह्मण समुदाय के पास है, लेकिन लखनऊ के 43 थानों में से एक पर भी यादव थाना प्रभारी नहीं है.