शाह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का बिल किया पेश,

 केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाने से संबंधित बिल पेश किया। लोकसभा (Lok Sabha) इस बिल को पहले ही पारित कर चुकी है। इसके अलावा उन्‍होंने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 भी उच्‍च सदन के पटल पर रखा। यह बिल भी लोकसभा से पिछले हफ्ते पास हुआ था।

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party, SP) के राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने राज्‍यसभा में कहा कि उनकी पार्टी जम्‍मू कश्‍मीर में राष्‍ट्रपति शासन बढ़ाने के बिल का समर्थन करेगी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी कहा है कि वह राज्‍य सभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 (Jammu and Kashmir Reservation Amendment Bill, 2019) और राष्‍ट्रपति शासन बढ़ाए जाने का समर्थन करेगी।

बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि दोनों ही विधेयक जनता की भलाई के लिए है। गृहमंत्री ने जम्‍मू कश्‍मीर के हालात का जिम्‍मेदार कांग्रेस को बताते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा राज्‍य में बार-बार धारा-356 के दुरुपयोग के कारण ऐसी परिस्‍थिति बनी है। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद में ही साफ तौर पर लिखा गया है कि यह अस्थायी है। हालांकि उन्होंने अनुच्छेद 370 पर सरकार की किसी कार्ययोजना के बारे में जानकारी नहीं दी थी।

गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि विशिष्ट परिस्थिति के कारण राष्ट्रपति शासन का समय बढ़ाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति कांग्रेस के बार-बार धारा 356 के दुरुपयोग के कारण हुई है। गृहमंत्री ने कहा कि धारा-356 का इस्‍तेमाल राजनीति नहीं है। 132 बार लागू धारा 356 का 92 बार इस्‍तेमाल कांग्रेस राज में हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को अपनाया है। जनता के सहयोग से हम इसे पाने में सफल रहेंगे।

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