सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय को रविवार को घर में नजरबंद कर दिया गया. संदीप पांडेय का कहना है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और घाटी में जारी बंदी के विरोध में रविवार को धरना देने की घोषणा की थी, जिसके बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया. संदीप पांडेय ने आरोप लगाया है कि धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ कैंडल मार्च निकाले जाने से उन्हें रोका जा रहा है. वह रविवार को अपने साथियों के साथ लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर कैंडल मार्च निकालना चाहते थे. लखनऊ के जीपीओ पार्क में रविवार शाम ‘स्टैंड फॉर कश्मीर’ विरोध प्रदर्शन का आयोजन होने वाला था. जारी बयान में संदीप पांडेय ने बताया कि उन्होंने रविवार को हजरतगंज क्षेत्र में GPO में शाम 6 बजे से कैंडल मार्च का आयोजन किया था. उन्होंने बताया, ‘जब मैंने किसी काम के लिए अपने घर से निकला तो मुझे बाहर मौजूद पुलिस वालों ने बताया कि मैं शाम 4 बजे से कहीं नहीं जा सकता. स्थानीय खुफिया विभाग के अधिकारी भी मेरे घर पहुंच गए. मैंने पुलिस वालों को बताया कि मैंने अपना कार्यक्रम बकरीद और स्वतंत्रता दिवस होने की वजह से 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया है.’