जम्मू-कश्मीर को हासिल विशेष दर्जा खत्म होने से भले ही पाकिस्तान बेचैन दिख रहा हो लेकिन सच्चाई ये है कि उसके पास अब कोई विकल्प ही नहीं बचा है. दशकों तक कश्मीर का राग अलापने वाला पाकिस्तान बहुत पहले ही भारत के आगे सरेंडर कर चुका है. 5 अगस्त को जब गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकारों से जुड़े अनुच्छेद 370 को खत्म किया तो पाकिस्तानी सेना इनकार करती रही कि इस फैसले से उस पर कोई असर पड़ने वाला है. कॉर्प्स कमांडरों की बैठक खत्म होने के बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आर्मी प्रमुख कमर जावेद बाजवा के हवाले से लिखा, “दशकों पहले अनुच्छेद-370 और 35-ए के जरिए जम्मू-कश्मीर के अधिग्रहण को कानूनी बनाने की भारतीय कोशिशों को पाकिस्तान ने कभी मान्यता दी ही नहीं, अब भारत ने खुद ही इन्हें हटा दिया है.”