भाजपा विधायक संगीत सोम से सात मुकदमें वापस लेने की तैयारी
प्रदेश में सरकार बनने के बाद भाजपा के तमाम नेताओं से मुकदमे वापस लिए जा चुके हैं। अब फायर ब्रांड नेता और सरधना विधायक संगीत सोम से मुकदमें वापस लेने की शासन की तैयारी है। संगीत पर वर्ष 2003 से 2017 के बीच मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ और गौतमबुद्धनगर में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं। इनमें मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान, सहारनपुर और नोएडा में पंचायत करके धारा 144 का उल्लंघन तथा सरधना से कैराना के लिए पैदल मार्च निकालने पर दर्ज किया गया मुकदमा भी शामिल है।
इन मामलों में दर्ज है केस
भाजपा सरकार लगभग ढाई साल में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों पर दर्ज तमाम ऐसे मुकदमे वापस ले चुकी है, जो बसपा और सपा सरकार के कार्यकाल में उनके खिलाफ दर्ज हुए थे। इस सूची में संगीत सोम का नाम भी है। उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, सरकारी आदेश (धारा 144) की अवज्ञा, जाम लगाना, बवाल करना, शहर में दहशत फैलाना, आइटी एक्ट तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियिम की धाराओं में दर्ज मामले शामिल हैं।
शासन ने मांगी सभी थानों से रिपोर्ट
संगीत सोम के खिलाफ सहारनपुर के देवबंद, मुजफ्फरनगर के खतौली, कोतवाली, सिखेड़ा, मेरठ के सरधना तथा गौतमबुद्धनगर के थाना बिसाहड़ा में मामले दर्ज हैं। प्रदेश शासन के विशेष सचिव राम बिलास सिंह ने चारों जनपदों से रिपोर्ट मांगी है। संबंधित थाने, एसएसपी, अभियोजन और जिला प्रशासन इसे तैयार करने में जुटे हैं। शासन ने सभी मामलों में अपराध की धाराएं, न्यायालय का नाम, वाद के तथ्य, वादी की चोटों का विवरण, विवेचना के दौरान बरामदगी, न्यायालय में मुकदमे की वर्तमान स्थिति, क्रास केस की स्थिति पूछी है। केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्यों का परीक्षण अभियोजन अधिकारी से करा अभियोजन की सफलता और दुर्बलता का पूर्ण विवरण स्पष्ट रूप से उपलब्ध कराएं।
इनका कहना है
सपा और बसपा सरकार में राजनीतिक द्वेष के चलते हमारे खिलाफ जबरन मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनका कोई औचित्य नहीं है। मिरकपुर की पंचायत में जाने पर देवबंद में मुकदमा दर्ज कराया गया। मुजफ्फरनगर में 2013 में आइटी एक्ट में दर्ज मामले में साक्ष्य न होने के कारण पुलिस आज तक चार्जशीट भी नहीं दे सकी। हत्या का विरोध करने तथा पैदल मार्च निकालने पर भी मुकदमे लिख दिए गए। मुकदमे वापसी को लेकर शासन की कार्रवाई की हमें जानकारी नहीं है।