जगन्नाथ मिश्र के दाह संस्कार में बिहार पुलिस की पोल खुली, 22 बंदूकों ने एक साथ दिया धोखा
बिहार पुलिस हमेशा से अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए जानी जाती है। कभी इसका मजाक पुलिसकर्मियों की वजह से उड़ता है तो कभी संसाधनों के अभाव में। बुधवार को भी एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब एक साथ बिहार पुलिस की 22 राइफल फेल कर गईं, वह भी तब, जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि में उन्हें सलामी दी जा रही थी। खास बात ये रही कि पुलिस की ये बेईज्जती मुख्यमंती नीतीश कुमार के सामने ही हुई। वहीं कोसी रेंज के डीआइजी सुरेश चौधरी ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार पुलिस की खुल गयी पोल
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इस विशेष मौके पर बिहार पुलिस की पोल खुल गयी। खास बात कि डॉ जगन्नाथ मिश्रा के सुपौल स्थित बलुआ गांव में अंतिम संस्कार के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत अनेक मंत्री व अधिकारी मौजूद थे। दिवंगत डॉ जगन्नाथ मिश्रा के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर के लिए 22 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन इनमें से एक भी पुलिस की बंदूक नहीं चली। सब बंदूकें फुस्स कर गयीं।
दिल्ली में हुआ था डॉ मिश्र का निधन
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का निधन सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया। विधानमंडल परिसर के साथ कांग्रेस कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। रात में पटना स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा गया और बुधवार की सुबह पैतृक गांव सुपौल के बलुआ ले जाया गया।
बलुआ में हुआ अंतिम संस्कार
बलुआ में डॉ जगन्नाथ मिश्र का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी खुद मौजूद थे। वहीं गार्ड ऑफ ऑनर के लिए 22 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। लेकिन उस समय बिहार पुलिस की स्थिति हास्यास्पद हो गयी, जब एक भी बंदूक से गोली नहीं चली। सभी बंदूकें एक साथ धोखा दे दीं।
दोषी पर होगी कार्रवाई
हालांकि कोसी रेंज के डीआइजी सुरेश चौधरी ने बाद में कहा कि इस मामले की जांच सुपौल के हेडक्वार्टर डीएसपी को दी गई है। गार्ड ऑफ ऑनर ब्लैंक कार्टेज से दी जाती है, जो फायर नहीं हुआ। यह रेगुलर कॉर्टेज नहीं होता है। जो भी हो, मामले की जांच में जो दोषी पाए जाएंगे, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या होता है ब्लैंक कार्टेज
गार्ड ऑफ ऑनर देने या गोली का डेमो करने के लिए ब्लैैंक कार्टेज का उपयोग होता है। विशेष तरह की इस गोली में छर्रा नहीं होता है। सिर्फ बारूद भरी होती है, जिससे आवाज निकलती है। इसकी सप्लाई पुलिस विभाग में अलग से की जाती है। जानकार बताते हैैं कि काफी दिनों से पुलिस को ब्लैैंक कार्टेज की सप्लाई नहीं की गई है। पुरानी सप्लाई को ही सुरक्षित रखकर उसका उपयोग किया जा रहा है।