अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए सरकार का ‘32 सूत्री’ प्रहार, आगे और उपाय तैयार

आर्थिक मंदी को लेकर चौतरफा हो रही तीखी बहस के बीच मोदी सरकार ने ‘32 सूत्री’ उपायों का एलान कर इसे तत्काल साधने का संकेत दे दिया है। निवेश बढ़ाने के उपाय, ऑटो सेक्टर को राहत से लेकर, बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी (तरलता) बढ़ाने और एमएसएमई कंपनियों के फंड की दिक्कत को दूर करने के उपाय शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कई कदम उठाए जाने की घोषणा की। इन उपायों के तहत सरकार ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआइ) और घरेलू इक्विटी इन्वेस्टर्स पर बढ़ाए गए ‘सुपर-रिच’ सरचार्ज को वापस लेने का एलान किया है। हालांकि धनी व्यक्तियों पर बढ़ा सरचार्ज फिलहाल जारी रहेगा और इसकी समीक्षा तीन साल बाद होगी। ऑटो सेक्टर में मांग बढ़ाने के लिए सरकारी विभाग नए वाहन खरीदेंगे और एमएसएमई के लंबित सभी जीएसटी रिफंड एक महीने के भीतर जारी कर दिए जाएंगे। साथ ही एनबीएफसी तथा बैंकों को अतिरिक्त लिक्विडिटी उपलब्ध कराने और डीपीआइआइटी में पंजीकृत स्टार्ट-अप के लिए एंजल टैक्स का प्रावधान खत्म करने का फैसला किया गया है। वहीं फ्लैट पाने का इंतजार कर रहे लोगों और रियल एस्टेट को मंदी से उबारने के लिए उपायों की घोषणा अगले हफ्ते की जाएगी।

सरकार के उपायों के एलान का अंदाजा शुक्रवार को शेयर बाजार को हो गया था, जिसके चलते सेंसेक्स 228 प्वाइंट की बढ़त लेकर बंद हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘कैपिटल मार्केट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए शेयर और यूनिट के ट्रांसफर से होने वाले लांग टर्म व शॉर्ट कैपिटल गेन्स पर बढ़े हुए सरचार्ज को हटाने का फैसला किया गया है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को दोहराते हुए कहा कि हम वेल्थ क्रिएटर्स का सम्मान करते हैं। वित्त मंत्री ने पिछले कुछ दिनों में इंडस्ट्री के अलग-अलग सेक्टरों के साथ चर्चा की और उद्योगों की समस्याएं समझने के लिए देशभर में अलग-अलग शहरों का दौरा किया, उसके बाद उन्होंने इन उपायों की घोषणा की है।

उन्होंने इस साल जुलाई में पेश किए गए आम बजट में अमीरों के इनकम टैक्स पर लगने वाले सरचार्ज को बढ़ाया था। उन्होंने 2-5 करोड़ रुपये तक सालाना टैक्सेबल इनकम पर सरचार्ज 15 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद करने और पांच करोड़ रुपये से अधिक के टैक्सेबल इनकम पर सरचार्ज बढ़ाकर 37 फीसद करने का एलान किया था। इसके चलते दो से पांच करोड़ रुपये सालाना इनकम वाले व्यक्तियों पर इफेक्टिव इनकम टैक्स रेट 39 फीसद और पांच करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर 42.74 फीसद हो गया था। इस कदम के चलते 40 फीसद एफपीआइ भी इस बढ़े हुए सरचार्ज के दायरे में आ गए, जिससे उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया था। इसका अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ा।

वित्त मंत्री ने कहा कि एफपीआइ पर अब बढ़ा हुआ सरचार्ज नहीं लगेगा और बजटपूर्व स्थिति बहाल हो जाएगी। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय का कहना है कि बढ़े हुए सरचार्ज को वापस लेने से सरकार के खजाने पर लगभग 1,400 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। यह पूछने पर कि क्या अमीर व्यक्तियों के लिए भी बढ़ा हुआ सरचार्ज हट जाएगा, वित्त मंत्री ने कहा कि देश जब आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा तब सरकार धनी व्यक्तियों पर बढ़े सरचार्ज की समीक्षा करेगी।

ऑटो सेक्टर में मांग बढ़ाने के उपायों का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अपने सभी विभागों को पुराने वाहनों को बदलकर नये वाहन खरीदने के लिए कहेगी। ऑटो सेक्टर की बिक्री लगातार गिर रही है। माना जा रहा है कि सरकार ने जो उपाय घोषित किए हैं, उससे इस क्षेत्र को राहत मिलेगी। एमएसएमई सेक्टर के सभी लंबित जीएसटी रिफंड 30 दिनों के भीतर जारी किए जाएंगे और आगे चलकर जो भी रिफंड होगा उसे दो माह के भीतर जारी कर दिया जाएगा। बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 70,000 करोड़ जारी होंगे।

ऑटो, होम व पर्सनल लोन लेने वालों को आरबीआइ की ब्याज दरों में कटौती का लाभ मिले, इसके लिए बैंक रेपो रेट से लिंक लोन प्रोडक्ट लांच करेंगे। एमएसएमई पर बकाया लोन के मामले सुलझाने के लिए बैंक पारदर्शी वन टाम सेटलमेंट पॉलिसी लाएंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कर्ज प्रवाह बढ़ाने के लिए नया संगठन स्थापित किया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये निवेश के लिए वित्त मंत्रलय का आर्थिक कार्य विभाग एक इंटर-मिनिस्टियल टास्क फोर्स का गठन कर रहा है।

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