पानीपत में महज 70 सेकंड में धराशाई किए गए थर्मल पावर प्लांट के 344 फीट ऊंचे 3 टावर
देश के पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी के द्वारा उद्घाटन की गई पानीपत थर्मल पावर यूनिट की तीन कूलिंग टावर को ब्लास्ट के जरिए किया गया. ध्वस्त ,चारों कूलिंग टावर कंडम हो चुके सरकार का आर्थिक नुकसान कर रही थी. महज 15 दिन पहले ही एक कूलिंग टावर को ध्वस्त किया गया था. इसके बाद एक बार फिर कूलिंग टावर को ध्वस्त किया गया.
पहली बार भारत में हुआ ऐसा
तीनों टावरों को ध्वस्त करने में 650 किलोग्राम विस्फोटक का प्रयोग किया गया. एक कूलिंग टावर की 105 मीटर थी हाइट ,30 सेकंड में तीनों टावरों को ध्वस्त किया गया. हर कूलिंग टावर में थे 80 पिलर सभी कूलिंग टावर में ब्लास्ट के लिए 2000 छेद किए गए. भारत में ऐसा मौका पहली बार है कि ऐसे किसी थर्मल टावर को ध्वस्त किया गया है.
कंडम हो चुके थे तीनों थर्मल टावर
थर्मल पावर यूनिट के चीफ इंजीनियर श्याम लाल सचदेवा ने बताया कि थर्मल के ये तीन कूलिंग टावर कंडम हो चुके थे और इन यूनिटों पर सरकार का काफी पैसा खर्च हो रहा है तो सरकार के आदेश अनुसार इन तीनों कूलिंग टावर को ब्लास्ट कर इसे नष्ट किया गया. सचदेवा ने बताया कि 15 दिन पहले एक कूलिंग पावर टावर को ट्रायल के लिए गिराया गया था सफलता होने के बाद आज बाकी तीन टावर इस पर कार्रवाई करते हुए इसे गिराया गया.