एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना लेकर हम आगे चल रहे: CM योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का समाप्त होना और उसके बाद यहां राना बेनी माधव बक्श सिंह के भाव समर्पण समारोह में इकट्ठा होना एक महत्वपूर्ण मौका है। रवींद्र नाथ टैगोर ने कहा था कि इस युग का सबसे बड़ा धर्म, राष्ट्र धर्म है। लेकिन एक परिवार उनकी बात कर रहा है, जिन्हें तिरंगे से परहेज है। हम लोग शुरू से कहते रहे हैं कि एक देश में दो प्रधान दो विधान नहीं चलेगा।
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बातें रायबरेली के दौरान कहीं। वह दोपहर लगभग एक बजे योगी हेलीकाप्टर से पुलिस लाइंस पहुंचे। यहां से सीधे शहर के नेहरू नगर चौक पर राना बेनी माधव सिंंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और फिर शहीद चौक पर पुष्पांजलि अर्पित किया। इसके बाद वह फीरोज गांधी आडिटोरियम में भाव समर्पण समारोह में शिरकत करने पहुंचे।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना लेकर आगे चल रहे
सीएम योगी ने कहा कि हमें भारत को कोने-कोने बांटने की आदत नहीं डाली है। लेकिन वे टुकड़े-टुकड़े चाहते हैं। 52-53 वर्ष की आयु में राना बेनी माधव बक्श सिंह ने अंग्रेजों को यहां घुसने नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि हम एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना लेकर हम आगे चल रहे हैं। जवान के आश्रित को एक सरकारी नौकरी मिलेगी। 25 लाख की आर्थिक सहायता व उसके क्षेत्र का उसके नाम पर नामकरण होगा। यह हम 2017 से कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री को भेंट करेंगे 18वीं सदी का सिक्का
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज रायबरेली दौरे में 18वीं सदी का सिक्का भेंट किया जाएगा। यहां पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि उनके पास अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 1818 में चलने वाले सिक्का है। मौजूदा समय में भले ही इसकी कोई कीमत न हो, लेकिन भारत की प्राचीन संस्कृति को दर्शाता यह सिक्का अमूल्य है। ब्रिटिश जमाने में चलने वाले तांबे व पीतल के एक-एक सिक्के को दिखाते हुए पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सिक्के में एक तरफ वर्ष 1818 के साथ अंग्रेजी शब्दों में ईस्ट इंडिया कंपनी लिखा है। उसी के मध्य में अंग्रेजी में ही यूकेएल वन आना (एक आना) लिखा है। सिक्के के दूसरी तरफ भगवान राम, लक्ष्मण, सीता समेत हनुमान का चित्र बना है। अंग्रेजों के समय भी चलने वाले सिक्के पर रामदरबार का चित्र बना होना। अयोध्या में राम मंदिर होने व भगवान की महिमा को अंग्रेजों द्वारा भी मानना दर्शाता है। वहीं, दूसरा सिक्का प्रधानमंत्री को भेंट करने की उन्होंने इच्छा जाहिर की है।