उत्तराखंड के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में प्लॉटिंग की राह आसान, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में अब प्लॉटिंग की राह आसान की गई है। इस क्रम में ग्रुप हाउसिंग में प्लॉट का क्षेत्रफल भी घटा दिया गया है। अब मैदानी क्षेत्र में न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर और पर्वतीय क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर के भूखंड में भी एक से अधिक स्वतंत्र इकाइयों वाले बहुमंजिला भवन बन सकेंगे। इसमें भूमि और सेवाएं, खुले स्थल के साथ ही आवागमन के रास्ते की भागीदारी और सह स्वामित्व भी सम्मिलित होगा। कैबिनेट द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय के क्रम में शासन ने मंगलवार शाम को भवन निर्माण और विकास उपविधि (बिल्डिंग बॉयलॉज) में संशोधन से संबंधित आदेश जारी कर दिया।
यही नहीं, भूमि के आकार के अनुसार भवनों की ऊंचाई भी नियत कर दी गई है। बिल्डिंग बॉयलाज में किए गए संशोधन से राज्य में जहां प्लाटिंग की राह आसान होगी, वहीं अवैध प्लाटिंग पर भी अंकुश लग सकेगा। कैबिनेट ने पूर्व में बिल्डिंग बॉयलाज को जनता की जरूरत के अनुसार आसान बनाने का निर्णय लिया था। बॉयलाज के संशोधित प्रावधानों से गु्रप हाउसिंग को अधिक लाभ मिला है। पूर्व में मैदानी क्षेत्र में 2000 वर्ग मीटर और पर्वतीय क्षेत्र में 1000 वर्ग मीटर के भूखंड में बहुमंजिले आवासीय भवन बनाने का प्रावधान था। अब भूखंड के लिए न्यूनतम मानक का क्षेत्र आधा कर दिया गया है।
यानी अब मैदान में न्यूनतम हजार वर्ग मीटर और पहाड़ में 500 वर्ग मीटर के भूखंड में आवासीय प्रोजेक्ट आकार ले सकेंगे। सड़क के मानकों में भी राहत न्यूनतम दो हजार से चार हजार वर्ग मीटर के भूखंडों में प्लाटिंग के लिए सर्कुलेशन मार्ग की चौड़ाई नौ मीटर आवश्यक है, जबकि आंतरिक मार्ग की चौड़ाई साढे़ सात मीटर रखी गई है। 500 से 2000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए आंतरिक मार्ग की चौड़ाई साढे़ सात मीटर रखी गई है।
तय मानक से ज्यादा ऊंचाई को एनओसी जरूरी
नए संशोधन के अनुसार अब राज्य में मैदानी क्षेत्र में भवन की ऊंचाई अधिकतम 30 मीटर और पर्वतीय क्षेत्र में 12 मीटर निर्धारित की गई है। इसके लिए विकास प्राधिकरण बोर्ड से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। यह भी छूट दी गई है कि तय मानकों से अधिक ऊंचाई होने के लिए आइआइटी के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग और भूकंप इंजीनियरिंग विभाग राष्ट्रीय भूकंपीय संस्थान से अनापत्ति लेनी आवश्यक होगी।
भूमि के आकार के अनुसार ऊंचाई
बिल्डिंग बायलॉज में जमीन के आकार के मुताबिक भवनों की ऊंचाई भी निर्धारित की गई है। व्यावसायिक, कार्यालय, एकल और व्यवसायिक यूनिट के लिए 100 से 200 वर्ग मीटर के भूखंड में भवन की ऊंचाई नौ मीटर, 200 से 2000 वर्ग मीटर में 24 मीटर, 2000 से अधिक वर्ग मीटर में 24 मीटर, ढाई हजार वर्ग मीटर से अधिक में 30 मीटर, मॉल विद मल्टीप्लेक्स के लिए 1500 वर्ग मीटर में अधिकतम 30 मीटर ऊंचाई निर्धारित की गई है। इसके अलावा सर्विस अपार्टमेंट (750 वर्ग मीटर), पांच सितारा डीलक्स होटल (2000 वर्ग मीटर) और पांच सितारा होटल (1500 वर्ग मीटर), चार सितारा होटल (1000 वर्ग मीटर) और अन्य होटल (650 वर्ग मीटर) की ऊंचाई 24 मीटर होगी।