देशभर की दुकानों में 2 अक्टूबर से नहीं मिलेगा सिंगल यूज प्लास्टिक, 7 करोड़ व्यापारियों का फैसला

देशभर की दुकानों में 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक मिलना मुश्किल हो जाएगा. दिल्ली समेत देश के 7 करोड़ व्यपारियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का फैसला लिया है. कैट ने 1 सितंबर से पूरे देश में लगभग 40 हजार ट्रेड फेडरेशन, चैंबर और एसोसिएशन के साथ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है, जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए प्रधानमंत्री का आवाहन देश के 7 करोड़ व्यापारियों तक पहुंच सके. व्यापारी सामान की पैकेजिंग और सामान देने के लिए कपड़े या जूट की थैलियों के इस्तेमाल करेंगे. साथ ही ग्राहकों को भी अपील करेंगे कि वो अपने साथ कपड़े या जूट की थैलियां लाए.

PM मोदी का है सपना
प्रधानमंत्री मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के सपने में अब देश का व्यापारी वर्ग भी बढ़चढ़कर सहयोग देने के लिए आगे आया है. रोजमर्रा की चीजों की शॉपिंग में इस्तेमाल होने वाली 50 ग्राम माइक्रॉन से कम वजन वाली प्लास्टिक थैलियां अब दुकानदार नहीं देगें. 1 सितंबर से देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर दुकानदारों और ग्राहकों में जगारुकता फैलाई जाएगी और 2 अक्टूबर से पूरी तरह से देशभर की व्यापारी सिंगल यूज प्लास्टिक का बहिष्कार करेंगे.

व्यापारियों ने लिया फैसला
गुरुवार (29 अगस्त) को दिल्लीं में कैट की बैठक में 29 राज्यों के ट्रेड फेडरेशन से जुड़े व्यापारियों ने इस फैसले पर सहमति जताई है. बैठक में ग्राहकों को सामान सिंगल यूज प्लास्टिक थैलियों में मुहैया नहीं कराने, सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह कपड़े या जूट के थैलियों के रूप में करने, पैकेजिंग मटेरियल से भी सिंगल यूज प्लास्टिक हटाने की मांग सरकार से की है. इसके साथ ही हजारों की तादाद में जो लोग प्लास्टिक की कंपनियों में काम करते है प्लास्टिक बैन की वजह से उनके रोजगार जाने का नौबत आ सकती है, ऐसे में सरकार उनके रोजगार के विकल्प ढूढने पर चर्चा हुई .

कैट जनरल सेक्रेकटरी प्रवीन खेंडलवाल ने एफएमसीजी, उपभोक्ता वस्तुओं, दैनिक उपयोग की वस्तुओं, दवाइयों और पैकेजिंग के अन्य काम में लगे कॉरपोरेट कंपनियों को जारी एक खुले पत्र में कहा कि प्लास्टिक का सिंगल उपयोग नॉन इको फ्रेंडली साबित होता है. प्रधानमंत्री ने लाल किले से प्लास्टिक के उपयोग में न लाने की घोषणा को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. इसलिए इसकी गंभीरता को देखते हुए कॉरपोरेट घरानों और निर्माताओं को उत्पादन और तैयार माल में प्लास्टिक के एकल उपयोग को रोकना चाहिए.

कपड़े की थैलियों का दिया ऑर्डर
दिल्ली के दुकानदार प्रधानमंत्री के सिंगल यूज प्लास्टिक बंद किए जाने के आवाह्न को गंभीरता से ले रहे हैं. कुछ दुकानदार प्लास्टिक का बचा हुआ स्टॉक खत्म करने में लगे हैं और प्लास्टिक की जगह कपड़े की थैलियों के ऑर्डर भी दे चुके हैं. दुकानदार ही नहीं ग्राहक भी प्लास्टिक को लेकर दिल्ली में जगारूक नजर आ रहे है.

सिंगल यूज प्लास्टिक का होता है सबसे ज्यादा इस्तेमाल
आपको बता दें कि प्लास्टिक का 43 फीसदी इस्तेमैल पैकेजिंग के लिए किया जाता है. इसके बाद 21 फीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटो सेक्टर में 16 फीसदी और खेती में 2 फीसदी उपयोग होता है. 43 फीसदी प्लास्टिक जिसे पैकेजिंग के लिए उपोयग में लाया जाता है. उसमें अधिकतर सिंगल यूज प्लास्टिक ही होता है. वहीं, देश में हर व्यक्ति लगभग 11 किलो प्लास्टिक का यूज करता है. जबकि दुनिया में इसका औसत 28 किलो और अमेरिका में 109 किलो है.

रोज 26 मीट्रिक टन प्लास्टिक होता है जेनरेट
सीपीसीबी के स्टडी के मुताबिक, हर दिन लगभग 26 मीट्रिक टन प्लास्टिक जेनरेट होता है. जिसका वजन 9000 हाथियों या 86 बोइंग जेट 747 के बाराबर होता है, जो खतरनाक है. जाहिर है , प्लास्टिक को लेकर देश के हर तबके को जागरूक होकर सिंगल यूज प्लास्टिक को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल न करने की जरुरत है, जिसकी शुरूवात देश के अलग-अलग शहरों में होती दिख रही है.

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