हाईकोर्ट के आदेश के बाद गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव स्थगित

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के मुख्य परिसर बिड़ला परिसर श्रीनगर के साथ ही विवि के पौड़ी परिसर और टिहरी परिसर में छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी है। उच्च न्यायालय नैनीताल ने बीते बुधवार को दिए निर्णय का संदर्भ लेते हुए कुलसचिव डॉ. एके झा ने विवि के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. एसएन बहुगुणा, टिहरी परिसर निदेशक प्रो. एए बौड़ाई, पौड़ी परिसर निदेशक प्रो. आरएस नेगी को तत्काल प्रभाव से चुनाव प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश लिखित में जारी किया।

कुलसचिव का आदेश मिलने पर मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. एसएन बहुगुणा ने छात्रसंघ चुनाव से संबंधित समस्त प्रक्रियाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए। विश्वविद्यालय प्रशासन को अभी इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश की लिखित प्रति मिलने का इंतजार भी है।

कुलसचिव डॉ. एके झा ने अपने आदेश में कहा है कि उच्च न्यायालय से आदेश की लिखित प्रति मिलने पर केंद्रीय विवि एक्ट 2009 के संदर्भ में समस्त चुनाव प्रक्रिया का पुनरीक्षण करते हुए तत्काल आदेश भी जारी किया जाएगा। तब तक छात्रसंघ चुनाव से संबंधित समस्त प्रक्रियाएं विवि के श्रीनगर, पौड़ी, टिहरी तीनों परिसरों में स्थगित रहेंगी।

उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी निवासी अमित पांडे ने हेनब गढ़वाल केंद्रीय विवि में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि छात्रसंघ चुनाव कराना केंद्रीय विवि की नियमावली की धारा 36 के खिलाफ है। छात्रसंघ चुनाव के बजाय छात्र परिषद का गठन किया जाना चाहिए।

इस पर बीते बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए गढ़वाल केंद्रीय विवि में तीन महीने के अंदर छात्र परिषद के चुनाव कराने के निर्देश दे दिए थे। इसी संदर्भ को लेकर उच्च न्यायालय के निर्णय की लिखित प्रति मिलने तक गढ़वाल विवि प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी।

छात्रसंघ चुनाव की जगह छात्र परिषद गठित करने को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश को ध्यान में रख बिड़ला परिसर श्रीनगर और चौरास परिसर में गुरुवार को चुनाव संबंधी गतिविधियां भी काफी प्रभावित दिखीं। चुनावी गतिविधियां लगभग शांत भी होती देखी गयीं।

इससे पूर्व विद्यार्थी परिषद के सुधीर जोशी, शैलेश मलासी, ऋतांशु कंडारी, जय हो छात्र संगठन के पुष्पेंद्र पंवार, आइसा के अतुल सती, शिवानी पांडे आदि कुलपति से भी इसी संदर्भ में मिले। वार्ता में कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का तत्काल पालन होगा।

न्यायालय के आदेश की लिखित प्रति मिलने का भी विवि प्रशासन इंतजार कर रहा है और तदनुसार न्यायालय के आदेश को प्रभावी रूप से क्रियान्वित भी किया जाएगा।

गढ़वाल विवि में अब बनेगी 40 सदस्यीय छात्र परिषद

उच्च न्यायालय नैनीताल का भी आदेश मिलने के बाद केंद्रीय विवि अधिनियम 2009 के अनुसार गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में अब छात्रसंघ की जगह स्टूडेंट काउंसिल का गठन होगा। इसमें 40 छात्र-छात्रा सदस्य होंगे।

विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण स्टूडेंट काउंसिल के पदेन मुखिया हैं। विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव भी अब बीते जमाने की बात बनने जा रही है। विश्वविद्यालय की प्रवेश कमेटी और एकेडमिक काउंसिल ने पहले भी छात्रसंघ चुनाव न करवाकर छात्र परिषद के गठन का प्रस्ताव किया था। विश्वविद्यालय के छात्र विशेषकर विभिन्न छात्र संगठनों से जुड़े छात्र नेताओं ने इस निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके बाद विवि प्रशासन ने इस साल छात्रसंघ चुनाव कराने पर सहमति दे दी थी।

छात्रसंघ चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी ने तीन सितम्बर को विश्वविद्यालय के श्रीनगर, टिहरी, पौड़ी तीनों परिसरों में चुनाव करवाने को लेकर अधिसूचना भी जारी करने के साथ ही प्रत्याशियों के नामांकन भी हो गए। इसी बीच उच्च न्यायालय नैनीताल में दाखिल की गयी याचिका पर निर्णय देते हुए उच्च न्यायालय ने छात्रसंघ चुनाव करवाने को केंद्रीय विवि एक्ट के खिलाफ बताते हुए तीन महीने में छात्र परिषद गठित करने को कहा।

इससे गुरुवार को विश्वविद्यालय के श्रीनगर, टिहरी, पौड़ी तीनों परिसरों में छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया विवि प्रशासन ने स्थगित भी कर दी और अब न्यायालय के निर्णय की लिखित प्रति मिलने पर चुनाव प्रक्रिया निरस्त भी हो जाएगी। छात्र परिषद के गठन को लेकर गढ़वाल विवि प्रशासन द्वारा बीते फरवरी महीने के बाद कवायद भी की गयी थी।

इसके लिए कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने डीएसडब्ल्यू प्रो. पीएस राणा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर टिहरी पौड़ी परिसर के निदेशक, विवि के चीफ प्राक्टर को लेकर कमेटी भी गठित की थी। केंद्रीय विवि एक्ट 2009 के प्रावधानों के साथ ही ¨लगदोह कमेटी के नियमों को भी दृष्टिगत रख प्रो. राणा की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी का प्रस्ताव था कि 40 सदस्यीय स्टूडेंट काउंसिल में जिन 20 छात्र सदस्यों का चुनाव होना है।

उनमें दस सदस्य श्रीनगर परिसर से चुने जाएं और श्रीनगर की तुलना में छात्र संख्या कम होने से टिहरी और पौड़ी परिसर से पांच-पांच सदस्य चुने जाएं। शेष 20 सदस्यों में खेल, सांस्कृतिक, एनसीसी और एनएसएस के सर्वश्रेष्ठ दो-दो छात्र-छात्राएं चुने जाने के साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों से रोटेशनवाइज विषय आधारित मेधावी छात्र-छात्राओं का चयन किया जाए।

इससे कुल 40 सदस्यीय छात्र काउंसिल का गठन हो जाएगा। कमेटी के इन प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाया जाता इससे पहले ही विभिन्न छात्र संगठनों ने छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर आंदोलन छेड़ दिया और विवि प्रशासन ने भी उनकी मांग मानकर इस साल के लिए छात्रसंघ चुनाव कराने पर सहमति दे दी।

उल्लेखनीय तथ्य यह है कि छात्रसंघ चुनाव करवाने को लेकर विचारधारा से एक-दूसरे के धुर विरोधी विद्यार्थी परिषद, आइसा, जय हो जैसे छात्र संगठन भी एक हो गए। आर्डिनेंस बनाना होगा छात्रसंघ चुनाव की जगह स्टूडेंट काउंसिल के गठन को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विवि का आर्डिनेंस भी बनाना होगा। प्रो. पीएस राणा की अध्यक्षता वाली कमेटी का प्रस्ताव आर्डिनेंस का मॉडल भी हो सकते हैं। जिसे विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल और ईसी से पास कराने के उपरांत विजीटर से भी स्वीकृति लेनी होगी।

अब देखना यह होगा कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार गढ़वाल विवि प्रशासन स्टूडेंट काउंसिल के गठन की यह संपूर्ण कवायद पूरी कर लेगा। छात्र परिषद में भी होंगे चुनाव 40 सदस्यीय गढ़वाल केंद्रीय विवि के प्रस्तावित छात्र परिषद में 20 सदस्य छात्र-छात्राओं के बीच से चुनकर आएंगे। जिससे छात्र परिषद के गठन में भी चुनावी गरमाहट रहेगी।

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जिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों का एक ही परिसर है वहां छात्र परिषद के गठन को लेकर कोई व्यवहारिक दिक्कत नहीं है, लेकिन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के श्रीनगर, पौड़ी, टिहरी तीन परिसरों में संचालित होने से विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र परिषद के स्वरूप को लेकर एक चुनौतीभरा निर्णय भी लेना होगा।

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इस संबंध में गढ़वाल विवि प्रशासन और उसके द्वारा गठित कमेटी के प्रस्ताव भी तीनों परिसरों के लिए एक ही छात्र परिषद गठन का सुझाव है। जिसके चुने जाने वाले 20 सदस्यों को तीनों परिसरों में क्रमश: पौड़ी, टिहरी के लिए पांच-पांच और श्रीनगर के लिए दस सदस्यों के चुनाव का सुझाव है।

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