अफगानिस्तान: जल्द खत्म होगा युद्ध, समझौते की दहलीज पर अमेरिका और तालिबान
अफगानिस्तान में 18 साल से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए अमेरिका और तालिबान वार्ताकारों के बीच जल्द ही समझौता होने वाला है। दोनों पक्ष समझौते के दहलीज पर पहुंच गए हैं और आने वाले कुछ दिनों में दोनों के बीच समझौता हो जाएगा।अमेरिका के एक शीर्ष वार्ताकार ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
समझौते के दहलीज पर
दोनों पक्षों के बीच दोहा में समझौता के लिए बातचीत हो रही है। इसके तहत अफगानिस्तान में तैनात 13,000 अमेरिकी सेना के संख्या में भारी कटौती के बदले तालिबान रक्षा गारंटी देगा। अमेरिका के अफगान सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद ने ट्वीट कर बताया ‘ हम समझौते के दहलीज पर खड़े हैं। इससे यहां हिंसा में कमी आएगी। इसके बाद अफगान साथ में बैठने और शांति समझौते के लिए दवार खुल जाएगी।
काबुल जाएंगे खलीलजाद
उन्होंने कहा कि वह वार्ता के नवीनतम दौर के आठवें और अंतिम दिन के बाद रविवार को परामर्श के लिए काबुल जाएंगे। बता दें कि 11 सितंबर, 2001 को अल-कायदा द्वारा किए गए हमलों के बाद अमेरिकी सैनिकों को पहली बार अफगानिस्तान भेजा गया था, जिसे पूर्व तालिबान शासन ने शरण दी थी।
2018 से वार्ता जारी
अमेरिका अब यहां से अपनी सेना को हटाना चाहता है और इसे लेकर 2018 से वार्ता जारी है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इससे पहले कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि इस महीने के अंत में होने वाले अफगान चुनावों से पहले और एक सितंबर से पहले समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दोहा में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने शनिवार को कहा कि समझौता लगभग हो गया है।
शांति समझौते पर गनी बरादर हस्ताक्षर करेंगे
अमेरिका के साथ होने वाले इस शांति समझौते पर तालिबान के उप सरगना मुल्ला अब्दूल गनी बरादर हस्ताक्षर करेंगे। 90 के दशक में जरीफ ने तालिबान के दूत के तौर पर पाकिस्तान में काम किया था। इस दौरान अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था। उन्होंने बताया कि अमेरिका और तालिबान के बीच इस बात को लेकर सहमति बन गई है कि अफगानिस्तान से विदेशी बलों की वापसी 15 से 24 महीने के अंदर हो जाएगी।