जेएसडब्ल्यू स्टील की होगी बीपीएसएल, दो वर्ष पुराने इन्सॉल्वेंसी मामले का हुआ पटाक्षेप

सज्जन जिंदल नियंत्रित जेएसडब्ल्यू स्टील को आखिरकार भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड के अधिग्रहण का अधिकार दे दिया गया है। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) ने गुरुवार को भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के अधिग्रहण के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपये की योजना स्वीकार कर ली। इसके साथ ही करीब दो वर्ष पुराने इस इन्सॉल्वेंसी मामले का पटाक्षेप हो गया।

एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक कंपनी के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स को 19,350 करोड़ रुपये की रकम मिलेगी। इन क्रेडिटर्स का कुल दावा 47,158 करोड़ रुपये का था। वहीं, ऑपरेशनल क्रेडिटर्स ने कुल 733.76 करोड़ रुपये का दावा किया था, जिसमें से उन्हें 350 करोड़ रुपये मिलेंगे। बैंकों को अपने कुल बकाए का करीब 41 फीसद हिस्सा मिलेगा। एनसीएलटी ने स्पष्ट किया है कि बीपीएसएल के पूर्व प्रमोटर्स पर चल रही कानूनी प्रक्रियाओं का इस इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया पर कोई असर नहीं होगा।

टाटा स्टील के लिए मौका नहीं :

इससे पहले चार फरवरी को एनक्लैट ने टाटा स्टील की याचिका खारिज कर दी थी और भूषण पावर एंड स्टील के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील के रिजॉल्यूशन प्लान को अनुमति देने का कर्जदाताओं का फैसला बरकरार रखा था। टाटा स्टील ने एनसीएलटी के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसने भूषण पावर एंड स्टील के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को लिबर्टी हाउस द्वारा जमा कराई गई बोली स्वीकार करने की इजाजत दे दी थी। टाटा स्टील का कहना था कि एनसीएलटी बाद के चरणों में अनगिनत मौके देने का हकदार नहीं है। हालांकि एनक्लैट ने टाटा स्टील की याचिका खारिज कर दी थी। अपीलेट टिब्यूनल ने कहा था कि सीओसी को बेहतर समाधान योजना की तलाश करने का पूरा हक है। जेएसडब्ल्यू ने बाद के चरणों में अपनी पेशकश 12,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर पहले 1,8000 करोड़ रुपये और फिर 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर दी। टाटा स्टील की आखिरी पेशकश 17,000 करोड़ रुपये की थी और उसने इसे बढ़ाने से मना कर दिया।

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