घर खरीदने से लेकर टैक्स चुकाने तक में होगी सहूलियत, जानें, वित्त मंत्री सीतारमण की 5 बड़ी घोषणाएं
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए कई एलान किए। पिछले एक महीने के भीतर यह तीसरी बार था जब देश को आर्थिक सुस्ती को निकालने के लिए वित्त मंत्री ने प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये बड़ी घोषणाएं की। पिछले दिनों उन्होंने पीएनबी समेत 10 सरकारी बैंकों के विलय का एलान कर बैंकिंग सेक्टर को बेहतर करने की कोशिश की। इसके अलावा निवेश को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेशकों पर लगने वाले अतिरिक्त सरचार्ज को हटाने की भी घोषणा की गई। लेकिन, शनिवार को सरकार की ओर से टैक्सपेयर्स, घर खरीदार और निर्यातकों को राहत का एलान किया गया। हम इस खबर में इन्हीं मुद्दों से जुड़ी 5 खास घोषणाओं के बारे में बता रहे हैं।
घर खरीदारों कैसे मिलेगी राहत
शनिवार को अपनी घोषणा में सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में दस हजार करोड़ रुपये का फंड देने की बात कही। ये फंड उन अधूरे प्रोजेक्ट्स को दिए जाएंगे, जिनमें 60 फीसद काम हो चुका है। हालांकि इसमें शर्त है और वह यह है कि प्रोजेक्ट NPA और NCLT में नहीं होना चाहिए। हालांकि एनपीए या नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पास पहुंच चुके प्राजेक्ट्स में यह फंड नहीं दिए जाएंगे। वित्त मंत्री की इस घोषणा के बाद दिल्ली-एनसीआर में अपने घर का इतंजार कर रहे हजारों निवेशकों को इसका फायदा मिल सकता है।
सरकार ने घर खरीदारों को होम लोन देने में सुविधा देने के लिए ईसीबी (एक्सटर्नल कमर्शियल बोरोइंग) गाइडलाइंस में ढील देने की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इससे 3.5 लाख फ्लैट खरीदारों को फायदा मिलेगा।
घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसके लिए एक्सपर्ट लोगों को रखा जाएगा। जिससे लोगों को घर लेने में आसानी होगी और लोन भी आसानी से मिल सकेगा। वित्त मंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचा है। 45 लाख कीमत वाले घरों को अफोर्डेबल योजना में डालने का लाभ मिला है। हाउस बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर कम की जाएगी। इसे 10 साल की यील्ड से जोड़ा जाएगा। इससे सरकारी कर्मचारियों द्वारा घर खरीद को बढ़ावा मिलेगा।
टैक्सपेयर्स को भी राहत की घोषणा की गई है। दरअसल, छोटे डिफॉल्ट में अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा।
25 लाख रुपये तक के टैक्स डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई के लिए सीनियर अधिकारियों की मंजूरी जरूरी होगी। इनकम टैक्स में ई-एसेसमेंट योजना लागू की जाएगी। ई-असेसमेंट स्कीम अक्टूबर से शुरू की जाएगी।