जीत के साथ शुरुआत करना चाहेगा भारत, रिषभ पंत की होगी असली परीक्षा

धर्मशाला में पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ने के बाद भारत बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में जीत के साथ तीन मुकाबलों की सीरीज में बढ़त बनाने के इरादे से उतरेगा। विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत के लिए भी यह मैच काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि पिछले कुछ मैचों में वह मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे हैं और उन पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप में अब भी 12 महीने से अधिक का समय बाकी है लेकिन कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) पहले ही अपनी अपनी विस्तृत योजना बना चुके हैं और उन्होंने बता दिया है कि उन्हें टीम में शामिल युवाओं से क्या उम्मीदें हैं। कप्तान ने साफ कर दिया है कि जब वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए उतरे थे तो उन्होंने अधिक मौके मिलने की उम्मीद नहीं की थी और उनका मानना है कि मौजूदा युवा खिलाडि़यों को भी सीमित मौकों में खुद को साबित करना होगा। इन खिलाडि़यों में 21 साल के पंत भी शामिल हैं लेकिन फरवरी 2017 में पदार्पण के कारण वह काफी अनुभव हासिल कर चुके हैं।

पहला मैच बारिश के कारण हुआ रद : धर्मशाला में सीरीज के पहले मैच में मैदान पर एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी लेकिन मैदान के इतर की गतिविधियों में पंत केंद्र बिंदू रहे और टीम प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज अपनी गलतियों को लगातार नहीं दोहरा सकता और अगर ऐसा किया तो खामियाजा भुगतना होगा। कोहली ने अब तक टीम में महेंद्र सिंह धौनी की वापसी का विकल्प खुला रखा है और ऐसे में पंत पर दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी प्रतिभा से न्याय करें।

राहुल-चाहर को भुनाने होंगे मौके : पंत के अलावा लेग स्पिनरों राहुल चाहर और वाशिंगटन सुंदर पर भी दबाव होगा। इन दोनों गेंदबाजों को लगातार दूसरी सीरीज में कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल की स्पिन जोड़ी पर तरजीह दी गई है। विश्व कप से पहले भारत को 26 मैच खेलने हैं और ऐसे में टीम चाहती है कि उसकी बल्लेबाजी मजबूत हो। इसके लिए आठवें, नौवें और 10वें नंबर के बल्लेबाजों को नियमित तौर पर अधिक रन बनाने होंगे जो कभी भारत का मजबूत पक्ष नहीं रहा।

फिर विकेट कौन लेगा : लंबे बल्लेबाजी क्रम का क्या विकेट चटकाने की भारत की क्षमता पर असर पड़ेगा इसका जवाब भी हमें आने वाले समय में ही मिलेगा। कुलदीप और चहल की बल्लेबाजी भले ही अच्छी नहीं हो लेकिन ये दोनों विकेट लेने के मामले में वाशिंगटन सुंदर, रवींद्र जडेजा, क्रुणाल पांड्या और चाहर से मीलों आगे हैं। इसके अलावा श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे के लिए भी यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण है जिन्हें मध्यक्रम को मजबूत करने के लिए टीम में शामिल किया गया है। साथ ही शिखर धवन के पास भी बड़ी पारी खेलने का मौका होगा। यह सलामी बल्लेबाज वेस्टइंडीज दौरे पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहा था। यहां का मैदान धवन को काफी रास आता है।

दक्षिण अफ्रीका के सामने चुनौती : दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत को हराना आसान नहीं होगा जो पिछले कुछ समय से अच्छी लय में है। बदलाव के दौर से गुजर रही दक्षिण अफ्रीका की टीम धर्मशाला में मैच बारिश की भेंट चढ़ने के बाद मैदान पर उतरने के लिए बेताब होगी। कैगिसो रबादा की अगुआई वाले दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी आक्रमण को अगर भारतीय बल्लेबाजों विशेषकर कप्तान कोहली को रोकना है तो शानदार गेंदबाजी करनी होगी। कोहली ने इस मैदान पर पिछले टी-20 में मार्च 2016 में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेली थी और भारत को विश्व टी-20 के सेमीफाइनल में जगह दिलाई थी।

टीमें इस प्रकार हैं :

भारत-विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, लोकेश राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, रिषभ पंत, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, क्रुणाल पांड्या, वाशिंगटन सुंदर, राहुल चाहर, खलील अहमद, दीपक चाहर और नवदीप सैनी।

दक्षिण अफ्रीका-क्विंटन डिकॉक (कप्तान), रेसी वान डेर डुसेन, तेंबा बावुमा, जूनियर डाला, ब्योर्न फोर्टिन, ब्युरेन हेंड्रिक्स, रीजा हेंड्रिक्स, डेविड मिलर, एनरिच नोर्तजे, एंडिले फेलुक्वायो, ड्वेन प्रिटोरियस, कैगिसो रबादा, तबरेज शम्सी और जार्ज लिंडे।

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