टू व्हीलर चालकों और महिलाओं को मिलेगी छूट, कम होगी परेशानी
ऑड-इवेन योजना के अंतर्गत दो पहिया वाहन व महिला कार चालकों को छूट दी जाएगी। बुधवार को एक मुलाकात में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि यदि इन्हें छूट नहीं दी जाती है तो लोगों को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि लोग ऑड-इवेन को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। उन्होंने इस योजना को फिर से लागू करने के संकेत दिए और कहा कि 2016 की तरह ही सब कुछ रहेगा। उन्होंने कहा कि दूसरे संगठन ऑड-इवेन पर अपनी अलग- अलग राय दे रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि दो पहिया वाहनों को इसमें शामिल किया जाना ठीक नहीं है। इस बारे में जल्द ही प्रेसवार्ता कर आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
72 लाख के करीब दो पहिया वाहन
दिल्ली में इस समय करीब 32 लाख कार व जीप हैं, वहीं 72 लाख के करीब दो पहिया वाहन। कारों की तुलना में दो पहिया की संख्या दोगुना से अधिक है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों श्रेणी के चालकों को छूट देने की मंजूरी दे रखी है। छूट पाने वालों में सीएनजी चालित व इमरजेंसी समेत 28 श्रेणी के वाहन शामिल हैं। इनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, देश के मुख्य न्यायाधीश, एसपीजी और स्कूल यूनिफार्म में बच्चों को ले जाने वाले वाहन भी आएंगे।
ऑड-इवेन के खिलाफ दायर याचिका खारिज
दिल्ली सरकार की ऑड-इवेन योजना के खिलाफ दायर की गई याचिका को एनजीटी ने खारिज कर दिया। एनजीटी ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस याचिका का क्या आधार है? ऑड-इवेन योजना को एक बार फिर से लागू करने के खिलाफ सोमवार को एनजीटी में याचिका दायर की गई थी।
4 से 15 नवंबर के बीच होगी लागू
याचिका में कहा गया था कि सरकार ने चार से 15 नवंबर के बीच फिर से इस योजना को लागू करने की तैयारी की है, लेकिन यह कारगर नहीं है। अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस योजना का अध्ययन किया था। जब इस योजना को दिल्ली में लागू किया गया था तो सीपीसीबी ने इसके बाद के असर का पता लगाया। जांच में पाया गया कि जब तक यह योजना लागू रही तब प्रदूषण का स्तर उस वक्त से भी ज्यादा पाया गया, जब योजना लागू नहीं थी। ऑड-इवेन लागू होने के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ा ही था, घटा नहीं था।