फटाफट निपटा लें बैंक के काम, अगले सप्ताह कई दिन बंद रहेंगे बैंक
अगर बैंक में आपका कोई पेंडिंग काम है तो उसे फटाफट निपटा लें, क्योंकि अगले सप्ताह बैंकों की बड़ी हड़ताल होने वाली है। इसकी वजह से चार दिन तक बैंक बंद रहेंगे। बैंकों की ये बंदी सात दिन तक के लिए बढ़ सकती है। सरकार के फैसले के खिलाफ, बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल का आव्हान किया है। बैंक हड़ताल को अन्य कर्मचारी संगठनों का भी सहयोग मिल चुका है। त्यौहारी सीजन शुरू होने से ठीक पहले बैंकों की इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल सकता है।
10 बैंकों का हुआ है विलय
30 अगस्त 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के मेगा मर्जर (विलय) की घोषणा की थी। 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए गए हैं। पंजाब नेशनल बैंक (PNB), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक का एक में विलय कर इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ रुपये होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को एक में मिलाकर देश का पांचवां सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 14.59 लाख करोड़ रुपये होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय कर देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 8.08 लाख करोड़ रुपये होगा। केनार बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय कर इसे देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बनाया गया है। इसका बिजनेस 15.20 लाख करोड़ रुपये होगा।
घाटे से उबारने को 55,250 करोड़ रुपये का पैकेज
बैंकों के विलय के साथ ही वित्त मंत्री ने इन बैंकों को घाटे से उबारने के लिए 55,250 करोड़ रुपये का राहत पैकेज भी दिया था। इसमें PNB को 16000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11700 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7000 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2500 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3300 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1600 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की गई थी।
चार दिन बंद रहेंगे बैंक
बैंकों के विलय की घोषणा के खिलाफ कर्मचारियों ने अगले सप्ताह हड़ताल की घोषणा की है। इसकी वजह से आने वाले सप्ताह में चार दिन बैंक बंद रहेंगे। बैंक ऑफिसर्स यूनियन ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ 26 व 27 सितंबर को हड़ताल की घोषणा की है। इसके बाद 28 सितंबर को चौथा शनिवार होने की वजह और फिर 29 सितंबर को रविवार होने की वजह से बैंक बंद रहेंगे। चार दिनों तक बैंकों की बंदी की वजह से महीने के अंतिम दिन 30 सितंबर को भी बैंक सेवा प्रभावित रह सकती हैं। इस दिन बैंकों में बहुत भीड़ होने और क्लोजिंग के प्रेशर की वजह से ग्राहक सेवाओं के लिए बैंक उपभोक्ताओं को थोड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
सात दिन तक हो सकती है बंदी
दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स आर्गनाइजेशन ने 30 सितंबर और एक अक्टूबर को अलगे से हड़ताल का प्रस्ताव रखा है। बैंक अधिकारियों के मुताबिक अगर यह बंदी भी हो गई तो सात दिन के लिए बैंकों का कामकाज पूरी तरह से ठप हो सकता है। दो अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी की वजह से बैंक का अवकाश होगा। ऐसे में बैंकों की बंदी 26 सितंबर से दो अक्टूबर तक, सात दिनों के लिए खिंच सकती है।
ट्रेड यूनियन का भी मिला सपोर्ट
बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल को केंद्रीय ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया ट्रेडर्स यूनियन कांग्रेस (AITUC) ने समर्थन दिया है। शुक्रवार को ही संगठन ने इसका एलान किया है। एआइटीयूसी के अनुसार बैंकों के विलय के जरिए सरकार निजी क्षेत्र के बैंकों को बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए संगठन ने बैंक हड़ताल को समर्थन दिया है। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि वह लोग कॉरपोरेट को समर्थन देने वाली नीतियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नेशनल कन्वेंशन की तैयारी कर रहे हैं।
नवंबर में शुरू हो सकती है अनिश्चितकालीन हड़ताल
AITUC के अनुसार सरकार अगर बैंकों के विलय की योजना को वापस नहीं लेती है तो नवंबर से संगठन अनिश्चिताकलीन हड़ताल पर जा सकता है। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि अब तक के दो बैंक मर्जर से किसी तरह का लाभ नहीं हुआ है। इससे बैंकों के फंसे हुए कर्जों (NPA) में कोई कमी नहीं आई है।
29 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र
बैंकों की ये हड़ताल देश का सबसे बड़ा त्योहारी सीजन शुरू होने से ठीक पहले हो रही है। रविवार, 29 सितंबर से नवरात्रों की शुरूआत हो रही है। इससे ठीक पहले 26 सितंबर से ही बैंक, हड़ताल की वजह से बंद हो जाएंगे। इससे दुर्गा पूजा और त्योहार की तैयारी प्रभावित हो सकती है। व्यापारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आज, शनिवार और अगले सप्ताह शुरूआती तीन दिन सोमवार से बुधवार तक बैंक से जुड़े काम निपटा लें।