राष्ट्रपति कोविंद ने स्वीकार किया मद्रास HC की जस्टिस वीके ताहिलरमानी का इस्तीफा, ट्रांसफर से थीं नाराज
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मद्रास उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस वीके ताहिलरमानी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने 6 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस ताहिलरमानी को मेघालय उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी।
इस वजह से थी नाराज
दरअसल, अगस्त महीने में जस्टिस विजया ताहिलरमानी का तबादला मेघालय कर दिया गया। तबादले के इस आदेश पर पुनर्विचार के लिए उन्होंने सु्प्रीम कोर्ट कोलेजियम से अपील की जिसे ठुकरा दिया गया था। वह इससे काफी नाराज थी। इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद को सौंप दिया था।
राष्ट्रपति के अलावा उन्होंने अपने इस्तीफे की एक कॉपी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी सौंपी थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कोलेजियम ने जस्टिस ताहिलरमानी का ट्रांसफर किया था।
पिछले साल हुई थी नियुक्ती
वर्ष 2018 में 8 अगस्त को ताहिलरमानी को मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। इस साल 28 अगस्त को उनके ट्रांसफर का प्रस्ताव रखा था। तभी से वह आग्रह कर रही थी कि इस फैसले पर पुन: विचार किया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने कोलेजियम से उनके आग्रह को ठुकराए जाने का उन्होंने विरोध भी किया था।
इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, एनवी रमना, अरुण मिश्रा और आर. नरीमन वाले कोलेजियम ने जस्टिस ताहिलरमानी के उस अनुरोध को ठुकरा दिया। अपने फैसले के पीछे कोलेजियम ने कहा कि जस्टिस ताहिलरमानी के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल का ट्रांसफर पहले ही मद्रास हाई कोर्ट में किया जा चुका है। इसलिए इसपर कुछ नहीं किया जा सकता।