पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव की समिति हितों के टकराव के संबंध में एक नोटिस भेजा 

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian cricket team) के कोच रवि शास्त्री के चयन किए जाने पर सवाल खड़ा हो गया है। बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के अध्यक्ष पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव की समिति को शनिवार हितों के टकराव के संबंध में एक नोटिस भेजा है।

अब अगर यह समिति हितो के टकराव में दोषी पाई जाती है तो फिर टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को दोबारा कोच बनाए जाने का फैसला भी सवालों के घेरे में होगा। 10 अक्टूबर तक इस समिति को इस नोटिस का जवाब देना है।

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता ने सीएसी समिति में शामिल तीनों सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कपिल देव (Kapil Dev) की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अगस्त में रवि शास्त्री को भारतीय टीम का मुख्य कोच चुना था।

गुप्ता ने शिकायत की है कि सीएसी सदस्य क्रिकेट से जुड़े और भी कई कामों में शामिल हैं। पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव सीएसी के अलावा क्रिकेट कॉमेंट्री करते हैं जबकि एक फ्लडलाइट कंपनी के मालिक हैं साथ ही वह भारतीय क्रिकेटर्स संघ के सदस्य हैं।

बीसीसीआई संविधान के मुताबिक सीएसी का कोई भी सदस्य क्रिकेट से जुड़े किसी भी और पद पर या कोई अन्य भूमिका नहीं होना चाहिए।

आईएएनएस से बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया, “अगर समिति जिसने भारतीय टीम के मुख्य कोच का चुनाव किया है उनको हितो के टकराव मामले में दोषी पाया जाता है तो फिर कोच शास्त्री की नियुक्ति की प्रक्रिया को दोबारा से करना होगा। एक नई समिति का दोबारा से गठन करना होगा और कोच के नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया को दोबारा से करना होगा। 1बीसीसीआई के नए संविधान को ध्यान में रखते हुए सभी चीजों को दोबारा से करना होगा।”

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