निवेश के लिए इस वक्त भारत से बेहतर दुनिया में और कोई बाजार नहीं
सरकार ने अमेरिका से दुनियाभर के निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि निवेश के लिए इस वक्त भारत से बेहतर कोई बाजार नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि निवेशक भारत के अलावा ऐसा कोई बाजार नहीं खोज सकते जहां एक साथ लोकतंत्र से प्यार और पूंजीपतियों के सम्मान का वातावरण हो। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुख्यालय से दुनियाभर के निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार और सुधार की राह पर अग्रसर है।
सीतारमण फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा यूएस इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने उद्योग जगत को यह संदेश देना चाहा कि नीति निर्माण के क्षेत्र में देश पूरी तरह पारदर्शी है। उनके संदेश में यह भी साफ था कि भारत अपने केंद्रीय बैंक आरबीआइ के साथ मिलकर बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की योजनाओं पर लगातार काम कर रहा है, बाजार में पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है, निजी निवेश वापस लाने की कोशिशों में जुटा है और आर्थिक सुधारों को गहराई दे रहा है।
सीतारमण ने कहा, ‘भारत आज भी दुनिया की सबसे तेज गति से विकास करती अर्थव्यवस्था है। इसके पास प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं और ऐसी सरकार है जो सुधारों के लिए जरूरी हरसंभव कदम उठाने में यकीन रखती है।’ यह पूछे जाने पर कि निवेशकों को भारत में निवेश क्यों करना चाहिए, सीतारमण का कहना था कि कानूनी प्रक्रिया में कुछ ज्यादा वक्त लेने के बावजूद भारत पारदर्शी और खुले समाज का पक्षधर है।
कार्यक्रम के दौरान इंश्योरेंस सेक्टर के निवेशकों ने वित्त मंत्री से इस सेक्टर में निवेश की सीमा खत्म करने की मांग की। इस पर सीतारमण ने कहा कि निवेश सीमा खत्म करने के इतर भी सरकार के सामने इस सेक्टर की अपेक्षाओं को समझने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि निवेशक इस बारे में विस्तृत जानकारियां उनके साथ साझा कर सकते हैं। हालांकि इस बारे में उन्होंने निवेशकों को काई आश्वासन नहीं दिया, लेकिन कहा कि इस मुद्दे पर काम किया जाएगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बारे में वित्त मंत्री का कहना था कि सरकार संकटग्रस्त सेक्टरों की चिंता दूर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष जुलाई में पूर्ण बजट पेश पेश हुआ। उससे पहले इसी वर्ष की शुरुआत में अंतरिम बजट भी पेश किया था। लेकिन सरकार ने सुधार संबंधी कदम उठाने के लिए अगले वर्ष फरवरी में पेश होने वाले बजट का इंतजार नहीं किया। लगभग हर 10 दिन के अंतराल में हम सुधार से संबंधित कोई न कोई घोषणा कर रहे हैं। इस तरह से हम संकटग्रस्त हर सेक्टर की एक के बाद एक सुध ले रहे हैं।’
सीतारमण के साथ इस बैठक में न्यूयॉर्क की फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री के दिग्गज शामिल हुए। इनमें इंश्योरेंस, कर्ज पुनर्गठन व प्राइवेट इक्विटी क्षेत्र की कंपनियों के अलावा इक्विटी निवेशक और बैंकों के प्रतिनिधि प्रमुख थे।
इनके बीच वित्त मंत्री का कहना था कि खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश करने को तैयार है। इसके अलावा लोगों के हाथों तक खर्च करने लायक पूंजी की पहुंच के लिए सरकारी बैंकों व उनके सभी सहयोगियों से ग्रामीण क्षेत्रों में जाने और आसान कर्ज मुहैया कराने को कहा है।