आज छठ का दूसरा दिन है इस दिन को खरना कहा जाता है, जानिए इस दिन का महत्व….

सूर्य देव और छठ मैया की उपासना का पर्व छठ पूजा गुरुवार को नहाय-खाय से प्रारंभ हो चुका है। आज छठ का दूसरा दिन है, इस दिन को खरना कहा जाता है। इससे पहले नहाय-खाय के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिए होंगे। संकल्प में 36 घंटे निर्जला व्रत रखने और विधिपूर्वक व्रत पूर्ण करने का प्रण लिया जाता है। खरना के दिन शाम को व्रती महिलाएं गुड़ और चावल का खीर बनाती हैं और उसे खाकर ही 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। खरना के शाम से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक बिना कुछ खाए-पीए व्रत रखना होता है। इस बार खरना और अर्घ्य के समय विशेष योग भी बना हुआ है।

खरना मुहूर्त और योग

खरना 01 नवंबर दिन शुक्रवार को है। ​यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06:33 बजे और सूर्यास्त शाम 05:36 बजे होगा।

इस बार नहाय-खाय से लेकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने वाले दिन तक यानी 31 अक्टूबर से और 02 नवंबर को रवि योग बन रहा है। इसी योग में सूर्य को शाम को अर्घ्य भी देना है। ज्योतिष के अनुसार, रवि योग का संबंध सूर्य देव से है, यह योग सभी बाधाओं को दूर करने वाला होता है।

रवि योग

31 अक्टूबर को सुबह 06:32 बजे से रात 09:32 PM तक।

01 नवंबर को रात 09:53 बजे से 02 नवंबर को सुबह 06:33 बजे तक।

02 नवंबर को सुबह 06:33 बजे से रात 11:02 बजे तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग में सूर्योदय का अर्घ्य

पारण वाले दिन 03 नवंबर को सूर्योदय सुबह 06:34 बजे होगा। इसी समय से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है, ऐसे में उगते सूर्य को अर्घ्य देना भी शुभ फलदायी होगा।

इन शहरों में सूर्यास्त का समय 

पटना में सूर्यास्त: शाम 05:08 बजे

रांची में सूर्यास्त: शाम 05:11 बजे

कोलकाता में सूर्यास्त: शाम 04:59 बजे

लखनऊ में सूर्यास्त: शाम 05:23 बजे

बनारस में सूर्यास्त: शाम 5:18 बजे

दिल्ली में सूर्यास्त: शाम 05:37 बजे

मुंबई में सूर्यास्त: शाम 06:05 बजे

नोएडा में सूर्यास्त: शाम 05:36 बजे

गुरुग्राम में सूर्यास्त: शाम 05:37 बजे

खरना के दिन बनता है खीर

खरना और लोहंडा के दिन शाम को महिलाएं मिट्टी के बनाए गए चूल्हे पर चावल का खीर बनाती हैं। इसमें चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग होता है। इसके साथ गुड़ की मीठी पूरी और अन्य पकवान बनाए जाते हैं। शाम के समय खीर और पूरी खाकर के व्रती छठी मैया का निर्जला व्रत रखते हैं।

Related Articles

Back to top button