दो लोगों की मौत के बाद हाथियों को आबादी में जाने से रोकने के लिए फोर्स तैनात…
जिले के पंजनहेड़ी गांव में शनिवार को हाथी के हमले में दो लोगों की मौत के बाद रविवार को पूरे क्षेत्र में 100 वन दारोगाओं और वन कर्मचारियों की फोर्स तैनात कर दी गई है, जिससे हमलावर हाथी आबादी में नहीं घुस सके। हाथी की लोकेशन ट्रेस करने की वन विभाग की कोशिश सिरे नहीं चढ़ पाई, जबकि खोज के लिए दूरबीन का भी इस्तेमाल किया गया। पूरे पथरी क्षेत्र में हाथी के हमले की घटना के बाद दहशत बनी है।
हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के चंडीपुल, रसियाबड़, पथरी, लालढांग, पंजनहेड़ी, मिस्सरपुर, अजीतपुर और बालकुंवारी मंदिर के आसपास दहशत इतनी है कि कोई ग्रामीण अकेले घर से बाहर नहीं निकल रहा है। वन विभाग के रेंजर दिनेश प्रसाद नौडियाल ने बताया कि लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। इसके लिए गांव-गांव में मुनादी कराकर लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों को हाथी के दिखते ही तुरंत सूचना देने को कहा गया है।
दिनभर हाथी देखे जाने की सूचना पर दौड़ती रही पुलिस
रविवार को हाथी देखे जाने की सूचना पर दिनभर पुलिस व वन विभाग के कर्मचारी इधर-उधर दौड़ती रहे, लेकिन हाथी की लोकेशन नहीं मिल सकी है। रविवार सुबह वन विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली की हाथी पंजनहेड़ी के खेतों में है। जब टीम वहां पहुंची तो वहां हाथी नहीं दिखा। इसके बाद कभी मिस्सरपुर के जंगलों में तो कभी अजीतपुर के बालकुंवारी मंदिर पर हाथी देखे जाने की सूचना पर पुलिस व वन विभाग के कर्मचारी दौड़ते रहे।
मतृकों के स्वजनों को सात लाख और नौकरी का आश्वासन
शनिवार को हाथी ने जियापोता निवासी बबीता(35) पत्नी अंबरीश और पंजनहेड़ी निवासी सुरेंद्र (60)पुत्र बिशंबर की हत्या कर दी थी। जिसके बाद गुस्साए लोगों ने डीएफओ आकाश कुमार वर्मा और रेंजर दिनेश प्रसाद नौडियाल को बंधक बना लिया था। ग्रामीण मृतकों के स्वजनों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग कर रहे थे। देर रात एक बजे लक्सर से भाजपा विधायक संजय गुप्ता और हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतिश्वरानंद की मौजूदगी में मृतक के स्वजनों को सात-सात लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने का लिखित समझौता के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को बंधनमुक्त किया।