शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता कल राज्‍यपाल से करेंगे मुलाकात….

Maharashtra Crisis महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन लगने के बावजूद सियासी उठापटक एवं बयानबाजियों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिवसेना ने कहा है कि केवल पांच साल नहीं हम तो चाहते हैं कि राज्‍य में 25 साल तक हमारा ही मुख्‍यमंत्री हो। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि यह मायने नहीं रखता कि महाराष्‍ट्र में सरकार कौन बनाता है। महत्‍वपूर्ण यह है कि राज्‍य में केंद्र की ओर से विकास परियोजनाओं के काम जारी रहेंगे।

इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआइ ने जानकारी दी है कि कल यानी शनिवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता राज्‍यपाल से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में किसानों की समस्‍याओं के मसले पर बातचीत होगी। राकांपा नेता नवाब मलिक ने बताया कि राज्‍यपाल ने तीनों दलों को समय दे दिया है। राकांपा नेता शरद पवार (NCP leader Sharad Pawar) ने कहा है कि महाराष्‍ट्र में सरकार गठन (Maharashtra government formation) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

दरअसल, शिवसेना नेता संजय राउत से शुक्रवार को संवाददाताओं ने सवाल पूछा था कि क्‍या राज्‍य में बनने वाली नई सरकार में शिवसेना का मुख्‍यमंत्री पांच साल के लिए होगा या ढाई साल एनसीपी और ढाई साल उसका सीएम होगा। इस पर राउत ने कहा कि आप लोग केवल पांच साल की बात क्‍यों करते हो। हम तो चाहते हैं कि आने वाले 25 साल तक शिवसेना का ही मुख्‍यमंत्री हो।

वहीं राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि एक ही सवाल बार बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का मुख्‍यमंत्री होगा क्‍या। आपको मालूम होगा कि सीएम पोस्‍ट को लेकर ही भाजपा और शिवसेना के बीच विवाद हुआ था। ऐसे में निश्चित रूप से मुख्‍यमंत्री शिवसेना का ही होगा। मलिक ने शिवसेना को अपमानित किए जाने का भी आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि शिवसेना को अपमानित किया गया है। शिवसेना का स्‍वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्‍मेदारी बनती है।

इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने कहा है कि महाराष्‍ट्र में कोई भी सरकार बनाए लेकिन केंद्र सरकार की ओर से विकास परियोजनाओं का काम जारी रहेगा। उन्‍होंने कहा कि मैं नहीं समझता हूं कि राज्‍य में नई सरकार बनने के बाद सरकार की नीतियों में कोई बदलाव आएगा। सरकार पहले की तरह ही महाराष्‍ट्र में विकास के कार्यों को अंजाम देती रहेगी। सरकारें बनती बदलती रहती हैं लेकिन केंद्र की परियोजनाएं जारी रहती हैं।

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